मप्र में बिजली के पुराने मीटरों की जगह नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटर्स को लेकर आम उपभोक्ताओं से लेकर विधायक भी परेशान हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया ने एक बयान जारी कर मुख्यमंत्री मोहन यादव से बि
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अजय सिंह ने कहा- कम्पनी के अधिकारी, इंजीनियर और कर्मचारी पाकिस्तानी मूल के हैं इसलिए ठेके के बहाने नागरिकों का डाटा इकट्ठा कर उसका दुरूपयोग होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्या प्रदेश सरकार इस बात से आश्वस्त है कि कम्पनी को ठेका देना देशहित में है? इसमें कोई पाकिस्तानी कनेक्शन तो नही हैं और यहां के नागरिकों का डाटा विदेशों में नही भेजा जायेगा।
अजय सिंह ने पूछा
क्या ठेका देने के पहले मुख्यमंत्री को विश्वास में लिया गया था। यदि ऐसा है तो सरकार को यह सब बातें श्वेत पत्र के माध्यम से प्रदेश की जनता तक पहुंचाना चाहिए।
कंपनी ने कम अमाउंट में ठेका लिया, इसलिए शक गहराया अजय सिंह ने कहा कि शक इसलिए भी और गहरा हो गया है क्योंकि कम्पनी ने सरकारी बोली से चार हजार करोड़ रूपए कम में ठेका कैसे और क्यों लिया? सरकारी बोली 15 करोड़ 70 लाख 26 हजार रूपए की थी जबकि कम्पनी ने 11 करोड़ 63 लाख 40 हजार रुपए में ही ठेका ले लिया। इतना बड़ा अंतर केवल सिस्टम में एंट्री पाने लिए सोच-समझ कर किया गया जाहिर होता है।
इससे साफ है कि इसमें घटिया सामान ही दिया जायेगा। अल्फानार कम्पनी के पास साफ्टवेयर डेवलपमेंट या डेटा मैनेजमेंट का अनुभव नहीं है। अल्फानार ने यह काम यूएई की एस्यासाफ्ट टेकनोलोजी कम्पनी को दे दिया है। इसमें भी पाकिस्तानी अधिकारी पदस्थ हैं। इनकी पहुंच हमारे उपभोक्ताओं के डाटा तक होना क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम नहीं है?
बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायतें आ रहीं अजय सिंह ने कहा कि इन्दौर में अयोग्य घोषित होने के बावजूद भी कम्पनी को अन्य स्थानों में काम क्यों दिया गया? प्रदेश के कई स्थानों से स्मार्ट मीटर लगने के बाद बढ़े हुए बिल आने की शिकायतें आ रही है । विस्फोट होने और आग लगने की कई खबरें भी मीडिया के जरिए सामने आ रहीं हैं।
स्मार्ट मीटर की सामग्री चीन से इम्पोर्ट हो रही अजय सिंह ने कहा- स्मार्ट मीटर की सामग्री चीन से आयात हो रही है। केवल असेम्बलिंग भारत में हो रही है । एक ओर तो प्रधानमंत्री स्वदेशी अपनाने की बात कर रहे है वहीं दूसरी और आयातित सामान का उपयोग हो रहा है । उन्होंने बोली मूल्यांकन में शामिल सभी अधिकारियों की सम्पतियों और परिसम्पतियों की ईओडब्ल्यू से जांच की मांग की है ।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि अल्फानार और एस्यासाफ्ट के सभी परिचालन केन्द्रों का राष्ट्रीय सुरक्षा ऑडिट भी कराया जाए। इसके अलावा घटिया मीटर की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाई जाए। पूरा मामला देश की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा असर डालता है । उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद से तो हमें विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए ।
इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने भी जताई चिंता अजयसिंह ने कहा कि इण्डिया स्मार्ट ग्रिड फोरम ने भी केन्द्र सरकार को पत्र लिख कर स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट में भाग ले रही खाड़ी देशों की विदेशी कम्पनियों को ठेका देने के चलते डाटा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए साइबर हमले चेतावनी दी है । उल्लेखनीय है कि अल्फानार इण्डिया ने मध्यप्रदेश डिस्कॉम भोपाल और जबलपुर से लगभग दो मिलियन स्मार्ट मीटर लगाने के लिए दो परियोजनाएं हासिल की हैं।
ये परियोजनाएं स्मार्ट मीटरिंग प्रौद्योगिकी के साथ-साथ ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की भारत की राष्ट्रीय पहल का हिस्सा है, जिसमें मध्य प्रदेश एक प्रमुख क्षेत्र है । भारत का लक्ष्य 2025 के अंत तक सभी 250 मिलियन मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदलना है।