Last Updated:
Women Success Story.
2 साल पहले की मजदूरी
चमेली राजपूत बताती हैं कि आज से 2 साल पहले मैं अपने पति के साथ मजदूरी करती थी. साथ ही हमारे गांव के घर में गाय-बकरी होती थी, तो उनके लिए चारा काट कर लाती थी और उन्हें चराने का काम भी करती थी.
पहले 1-1 पैसे के लिए मोहताज रहते थे. लेकिन, जब से हमनें अपना प्रगति सीएलएफ स्व-सहायता समूह चलाया है तो अब हमारे पास स्कूटी से लेकर ट्रैक्टर जैसे वाहन हो गए हैं. शहर में मकान बनाने के लिए खुद का प्लाट ले लिया है. हमारे बच्चे आज गांव से निकलकर शहरों के स्कूलों में अच्छी शिक्षा ले पा रहे हैं. किराए से मकान लिए हैं, अपना घर खर्च चला रहे हैं.
शुरुआत में दिक्कतें भी झेलनी पड़ीं
चमेली बताती हैं कि वह प्रगति सीएलएफ टोल प्लाजा की मैनेजर हैं. संजय नगर टोल प्लाजा का संचालन करती हैं. इस टोल प्लाजा में शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगती है. पहले इस काम को करने में बहुत संघर्ष था. क्योंकि, हमारे पास आने-जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं था. कई बार तो पैदल ही आना पड़ता था, क्योंकि आने जाने के लिए समय पर वाहन नहीं मिलते थे. लेकिन अब हमारे पास स्वयं की स्कूटी है तो अब आना जाना स्कूटी से रहता है.
महीने की कमाई इतनी
चमेली बताती हैं कि टोल प्लाजा से हमें हर महीने 9500 रुपए की सैलरी मिलती है. साथ ही दूसरे काम भी करते हैं जो स्व-सहायता समूह से जुड़े होते हैं. कुल मिलाकर महीने की 20 से 30 हजार की आसानी से कमाई हो जाती है.