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Mahakaleshwar Temple Row : उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं की गर्भगृह में एंट्री पर रोक और वीआईपी प्रवेश को लेकर दायर याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उज्जैन कलेक्ट…और पढ़ें

इसी तथाकथित “वीआईपी कल्चर” को चुनौती देते हुए इंदौर निवासी दर्पण अवस्थी ने वकील चर्चित शास्त्री के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिकाकर्ता ने कहा कि देशभर से लाखों भक्त उज्जैन महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें केवल बाहर से ही दर्शन करना पड़ता है. वहीं प्रभावशाली लोग और उनके परिजन सीधे गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा-अर्चना कर पाते हैं. इसे आम भक्तों की भावनाओं के साथ अन्याय बताया गया.
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने भी याचिका का समर्थन किया और कोर्ट से कहा कि गर्भगृह दर्शन के लिए नीति बनाई जाए. महासंघ ने सुझाव दिया कि चाहे शुल्क निर्धारित किया जाए या समय, लेकिन आम भक्तों को भी बाबा महाकाल के समीप जाने का अवसर मिलना चाहिए.
हाईकोर्ट का फैसला
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ही तय करेंगे कि गर्भगृह में किसे प्रवेश की अनुमति होगी. अदालत ने यह भी साफ किया कि फिलहाल की व्यवस्था बनी रहेगी. इसका अर्थ है कि आम श्रद्धालु अभी गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. कोर्ट के इस आदेश से आम भक्तों की निराशा जरूर बढ़ी है, लेकिन वीआईपी प्रवेश पर रोक की मांग अभी भी जीवित है. उम्मीद है कि आगे मंदिर ट्रस्ट या प्रशासन इस पर नई नीति बना सकता है, जिससे विवाद सुलझ सके.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें