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Mahakal Mandir Bhang Shringar: बाबा महाकाल का भांग श्रृंगार गिरने पर विद्वत परिषद का दावा, जजमानों को लुभाने के चक्कर में हो रहा ज्योतिर्लिंग का क्षरण, नहीं है ये शास्त्र सम्मत. मंदिर के पुजारी भड़के. जानिए क्य…और पढ़ें
दरअसल, पूरा मामला 18 अगस्त सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हुआ है, जिसमें आरती के दौरान बाबा महाकाल को किया भांग का श्रृंगार अचानक गिर गया था. इस घटना के बाद अब उज्जैनिय विद्वत परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कमिश्नर आईएएस अधिकारी मोहन गुप्त ने कहा कि किसी भी शास्त्र में महाकाल का भांग का श्रृंगार के उल्लेख नहीं है.
पूर्व कमिश्नर गुप्त ने कहा कि भगवान शिव का भांग से श्रृंगार का कोई महत्व नहीं है. किसी शास्त्र, शिव पुराण और शिवलिंग पुराण में भांग से पूजन का महत्व नहीं बताया है. सन 2000 से पहले भांग का श्रृंगार नहीं होता था. मैं उज्जैन में कमिश्नर था तब पुजारियों ने महाकाल में भांग पूजा शुरु की. मेरे मना करने पर बंद कर दी गई, लेकिन मेरे रिटायरमेंट के बाद व्यवसायिक उद्देश्य से भांग पूजन शुरू कर दिया. पुजारी अपने जजमानों को फोटो भेजते हैं कि आपके द्वारा भांग का शृंगार किया. मैंने हमेशा इसका विरोध किया है. शिवलिंग पर भांग अर्पित की परम्परा तत्काल बंद कर देना चाहिए.
विद्वत परिषद की मांग पर भड़के पुजारी
महाकाल मंदिर में भांग के विरोध की बात को लेकर पुजारी भड़क गए. वरिष्ठ पुजारी महेश शर्मा ने कहा कि ऐसा शिव पुराण में उल्लेख है कि भगवान शिव ने धतूरा विष जैसी त्यागी हुई चीज धारण की थी. उन्होंने जब विष धारण किया तो गले में अधिक उष्णता होने के चलते माता पार्वती ने भांग की औषधि बनाकर उसका लेपन किया था, जिससे उनको शांति और शीतलता मिली थी. कुछ लोगों ने भांग को लेकर बात की है. हर चीज वेद और पुराण में नहीं मिलेगी. ऋषि मुनियों द्वारा भांग अर्पित करने की परंपरा है. पुजारी को व्यवसाय करने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर जो लोग भाँग पर आपत्ति उठा रहे हैं. वह हमसे शास्त्रार्थ करले हम यह भी बता देंगे कि भाँग का उल्लेख कहां मिलता है.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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