बीएसएफ का यह नया सेंटर जांबाज जवानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी का मास्टर बनाएगा, ताकि वे बॉर्डर पर हर चुनौती को नेस्तनाबूद कर सकें. बीएसएफ का यह स्कूल कोई आम ट्रेनिंग सेंटर नहीं है, बल्कि एक हाई-टेक हब है, जहां पर बीएसएफ के हाई-टेक ड्रोन कमांडो और ड्रोन वॉरियर्स तैयार किए जाएंगे. यहां पांच तरह के स्पेशलाइज्ड कोर्स होंगे, जो जवानों को ड्रोन ऑपरेशन, एंटी-ड्रोन वारफेयर, निगरानी और इंटेलिजेंस में एक्सपर्ट बनाएंगे. यानी, अब दुश्मन चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, बीएसएफ के पास उसका जवाब तैयार होगा!
मध्य प्रदेश के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में School of Drone Warfare के उद्घाटन के दौरान महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और अकादमी के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह.
– हाई-टेक क्लासरूम्स और सिमुलेटर्स: यहां जवान वर्चुअल दुनिया में बिना किसी रिस्क के ड्रोन उड़ाना सीखेंगे.
– लाइव फ्लाइंग जोन: जवानों को रियल-टाइम सिचुएशन्स में असली ड्रोन उड़ाने की प्रैक्टिस कराई जाएगी.
– नाइट ऑप्स और पेलोड इंटीग्रेशन: रात के अंधेरे में भी दुश्मन पर नजर और सटीक अटैक की ट्रेनिंग बीएसएफ के जवानों को दी जाएगी.
– एंटी-ड्रोन टेक्निक्स: आरएफ जैमर्स और काइनेटिक इंटरसेप्टर्स से दुश्मन के ड्रोन को आसमान से नीचे लाने का हुनर जवानों को सिखाया जाएगा.
– R&D का तड़का: पुलिस टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर और आरजीआईटी के साथ मिलकर स्वदेशी यूएवी (UAV) और AI इंटीग्रेशन पर काम होगा. यानी, ड्रोन की यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगी.
इस अत्याधुनिक संस्थान में ड्रोन कमांडोज और ड्रोन वारियर्स तैयार किया जाएगा. साथ हीं, यूएवी ऑपरेशन, एंटी-ड्रोन वारफेयर और इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी.
क्यों है ये बड़ी बात?
आजकल बॉर्डर सिक्योरिटी सिर्फ हथियारों और तारों की बाड़ तक सीमित नहीं है. ड्रोन टेक्नोलॉजी ने गेम चेंज कर दिया है. दुश्मन ड्रोन से स्मगलिंग, जासूसी या हमले की कोशिश कर सकता है. ऐसे में बीएसएफ का ये स्कूल जवानों को न सिर्फ ड्रोन उड़ाने का हुनर सिखाएगा, बल्कि दुश्मन के ड्रोन को नेस्तनाबूद करने की स्ट्रैटेजी भी देगे. ये सेंटर बीएसएफ को फ्यूचर-रेडी बनाएगा. चाहे दिन हो या रात, चाहे आसमान साफ हो या तूफानी, बीएसएफ जवान हर मोर्चे पर तैयार होंगे. और हां, स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर फोकस करके ये स्कूल ‘मेक इन इंडिया’ को भी बूस्ट देगा.