इंदौर में 7 सितम्बर को नारायण लिंब फिटमेंट कैम्प: 240 से अधिक दिव्यांगों को मिलेंगे 273 कृत्रिम हाथ-पैर – Indore News

इंदौर में 7 सितम्बर को नारायण लिंब फिटमेंट कैम्प:  240 से अधिक दिव्यांगों को मिलेंगे 273 कृत्रिम हाथ-पैर – Indore News



मानव सेवा की ज्योति जलाने वाला नारायण सेवा संस्थान उदयपुर एक बार फिर उन जीवनों में प्रकाश भरने आ रहा है। जिनकी राहें हादसों और विपदाओं ने अंधेरा कर दी थी। रविवार 7 सितम्बर को इंदौर के गुरु अमरदास हॉल में सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक निःशुल्क नारायण लिं

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संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि 40 वर्षों से संस्थान देश-विदेश में लाखों दिव्यांगों के जीवन को संबल दे रहा है। अब इंदौर में भी वे दिव्यांग, जो कभी अपने परिवार पर बोझ समझे जाने लगे थे, जर्मन तकनीक से बने नारायण लिंब पहनकर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे। हर समृद्ध समाज की ताकत उसके नागरिकों में निहित है। जब दिव्यांग सशक्त होते हैं तो राष्ट्र प्रगति और सुदृढ़ता के पथ पर अग्रसर होता है।

संस्थान ने अब तक भारत ही नहीं, बल्कि केन्या, युगांडा, तंजानिया, मेरु और नेपाल तक सेवा की किरणें पहुंचाई है। हर माह लगभग 1800 से अधिक कृत्रिम हाथ-पैर निःशुल्क लगाए जाते हैं। शिविर की गरिमा बढ़ाने के लिए संत-महात्मा, सामाजिक कार्यकर्ता और अनेक गणमान्य नागरिक आमंत्रित किए गए हैं।

लाभार्थियों के लिए भोजन की निःशुल्क व्यवस्था होगी। फिटमेंट के बाद चलने की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। शिविर में पूर्व लाभार्थी भी शामिल रहेंगे, जो अपने अनुभव साझा कर नए लाभार्थियों का हौसला बढ़ाएंगे। अब तक संस्थान द्वारा 40,000 से अधिक कृत्रिम अंग निःशुल्क लगाए जा चुके हैं और लाखों जीवन को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और खेल की राह देकर संबल प्रदान किया गया है। यह शिविर सचमुच उन दिव्यांगों के लिए नई उम्मीद का सूर्योदय है।

कटारिया ने कहा यह शिविर केवल कृत्रिम अंगों का वितरण भर नहीं, बल्कि आशा, आत्मनिर्भरता और मुस्कुराहट की सौगात है। यह उन जीवनों का पुनर्जन्म है, जो कभी ठहर गए थे और अब फिर से आगे बढ़ने को तत्पर हैं। 1985 से “नर सेवा ही नारायण सेवा” के आदर्श वाक्य पर अग्रसर संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव को हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय सामुदायिक सेवा सम्मान से अलंकृत किया। वहीं, संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को दिव्यांग सशक्तिकरण की दिशा में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ।



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