पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शुक्रवार को इंदौर प्रवास पर थे।
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यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का। वे शुक्रवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इससे पहले वे कामरेड होमी दाजी की स्मृति में भारत में समाजवाद, संभावनाएं और चुनौती विषय पर आयोजित चर्चा में शामिल हुए।
इस दौरान दिग्विजय सिंह ने जीएसटी (GST) 2.0 के नए सुधारों को लेकर असहमति जताई और अभी भी इसे अपर्याप्त बताया।
वहीं, उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर भी बात की। कहा कि मैंने उनसे मिलने का समय मांगा है, लेकिन यहीं बताया गया कि वे अभी मिलना नहीं चाहते हैं।
मैंने संसद में कहा था 5 स्लैब नहीं चल सकते दिग्विजय सिंह ने कहा कि साल 2017 में जीएसटी आया था। तब राहुल गांधी और मैंने संसद में कहा था कि ये 5 स्लैब नहीं चल सकते हैं। जीएसटी में सिंगल स्लैब होता है। आज भी तीन स्लैब 5, 18 और 40 फीसदी टैक्स का है। सेंट्रल एक्साइज, सेस अलग है। यह खत्म होना चाहिए।
मूल रूप से यह देश आदिवासियों का ही है उमंग सिंघार में बयान पर सिंह ने कहा कि मूल रूप से यह देश आदिवासियों का ही है, हम सभी तो सेंट्रल एशिया से आए हुए हैं। हमारे संविधान में ही सभी को अपने धर्म को मानने का अधिकार है। आदिवासी प्रकृति पूजक है।
उन्हें अपने आस्था के अनुसार धर्म मानने का अधिकार है, यह बीजेपी द्वारा गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।
समाजवाद हमारी नीतियों का आधार है दिग्विजय ने कहा कि भारत में समाजवाद का लक्ष्य आजादी आंदोलन और स्वतंत्रता के बाद हमारी नीतियों का आधार रहा है। नेहरू और इंदिरा के काल में जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार, मिश्रित अर्थव्यवस्था, वोट का समान अधिकार, आरक्षण पब्लिक सेक्टर, मजदूर हितैषी कानून समाजवादी नीतियों के द्योतक थे।
आज उन्हीं अधिकारों, कानूनों पर हमला हो रहा है। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने की जरूरत है। आज लोकतांत्र पर खतरा है। टेक्नोलॉजी और अन्य माध्यमों से लोकतंत्र पर चोट की जा रही है। आज इन मुद्दों पर जनांदोलन खड़ा करने की आवश्यकता है। आज होमी दाजी जैसे जननेता की राह पर चलने की जरूरत है।
सिंधिया के बेटे का किया बचाव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया के एमपीसीए के अध्यक्ष बनने पर उन्होंने कहा कि परिवारवाद तो हर जगह है। व्यापारी का बेटा व्यापार करेगा, वकील का वकील बन सकता है और नेता का नेता। इसमें बुराई क्या है। प्रतिभा है तो आप आगे जाएंगे वर्ना कोई आपके लिए कुछ नहीं कर पाएगा।
उन्होंने हाल ही में चर्चित हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे के भाषण की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि उनके बेटे संघमित्र का भाषण बेहद प्रभावशाली था। उन्होंने भाषण में सच बातें कही।