बिना पंजीयन के संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र के नशा मुक्ति केन्द्रों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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इस क्रम में संबंधित एसडीएम द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों की जांच की जा रही है। अपर जिला दंडाधिकारी सीबी प्रसाद ने 4 नशा मुक्ति केंद्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब मांगा है। संबंधित क्षेत्र के एसडीएम के नेतृत्व में गए दलों द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान प्रतिज्ञा नशा मुक्ति केंद्र, नवजीवन नशा मुक्ति केंद्र, मंथन नशा मुक्ति केंद्र व शिव शक्ति नशा मुक्ति केंद्र द्वारा पंजीयन संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए।
प्रसाद ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 65 के अनुसार, मानसिक रोगियों या नशा पीड़ितों का इलाज करने वाली प्रत्येक संस्था का राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकृत होना अनिवार्य है।