नवजात की मौत के मामले में परिजन-जयस का विरोध: MYH में प्रदर्शन;स्टाफ पर बच्ची को ले जाने का दबाव बनाने का आरोप, मुआवजे की मांग – Indore News

नवजात की मौत के मामले में परिजन-जयस का विरोध:  MYH में प्रदर्शन;स्टाफ पर बच्ची को ले जाने का दबाव बनाने का आरोप, मुआवजे की मांग – Indore News


जयस के कार्यकर्ता ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

एमवाय अस्पताल के NICU में एडमिट दो नवजातों को चूहों द्वारा कुतरने और बाद में उनकी मौत को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना ने मध्य प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। आदिवासी संगठनों और सामाजिक संगठनों ने अस्पताल प्रबंधन और राज्य सरकार के खिल

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प्रदर्शन के दौरान जयस कार्यकर्ताओं के साथ बच्ची के माता-पिता।

धार की मृत नवजात (बच्ची) के माता-पिता, आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को एमवाय अस्पताल पहुंचे और न्याय की मांग की। बच्ची के पिता देवराम ने कहा कि हमें पता ही नहीं चला कि हमारी बच्ची की मौत हो गई थी। उसे धार जिला अस्पताल से एमवायएच रेफर किया गया था, क्योंकि उसकी किडनी पूरी तरह विकसित नहीं थी। स्टाफ ने हमें घर जाने और काल करने का कहा, लेकिन पांच दिन तक किसी ने हमें नहीं बुलाया। हमें उसकी मौत का पता तब चला जब एक नेता हमारे घर आए। हम न्याय और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर कार्रवाई चाहते हैं।

NICU में इस तरह चूहे उछल-कूद कर रहे थे। वे यहां रखे इंक्यूबेटर में आ जाते हैं।

NICU में इस तरह चूहे उछल-कूद कर रहे थे। वे यहां रखे इंक्यूबेटर में आ जाते हैं।

NICU में नवजातों को इन्हीं इंक्यूबेटर में रखा गया था।

NICU में नवजातों को इन्हीं इंक्यूबेटर में रखा गया था।

दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो: जयस जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने भी अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही’ का आरोप लगाया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। जयस नेताओं ने डीन को तत्काल हटाने और मृत दोनों नवजात के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग रखी। संगठन ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, अस्पताल गेट पर धरना जारी रहेगा। इस बीच कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल मौके पर पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने परिजन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। हालांकि, ग्रेवाल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वे तो अपने क्षेत्र के परिवार को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। अपर कलेक्टर रोशन राय मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि मामले में और भी जो दोषी होंगे उन पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और पेस्ट कंट्रोल कंपनी का ठेका रद्द कर दिया गया है।

एक चूहे को पकड़ने में लगे 13 हजार से ज्यादा : पटवारी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि अस्पताल में चूहों को पकड़ने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने एक चूहे को पकड़ने के लिए 13,000 रु. से ज्यादा का बिल लगाया। पटवारी ने कहा कि इस तरह की भ्रष्टाचार और लापरवाही ने निर्दोष जिंदगियों को जोखिम में डाल दिया है।

पटवारी ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के इस्तीफे और एमवाय अस्पताल के अधिकारियों पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो उन्हें स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए। संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा सरकार बीस साल से ज्यादा समय से सत्ता में रहते हुए भी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं तक उपलब्ध कराने में विफल रही हैं।

राहुल गांधी और जीतू पटवारी।

राहुल गांधी और जीतू पटवारी।

राहुल गांधी ने लिखा था- दुर्घटना नहीं हत्या

मामले में लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा था- दो नवजात शिशुओं की चूहों के काटने से मौत। यह दुर्घटना नहीं, सीधी-सीधी हत्या है। यह घटना इतनी भयावह, अमानवीय और असंवेदनशील है कि इसे सुनकर भी रूह कांप जाए। एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार ने सबसे बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभाई। हेल्थ सेक्टर को जानबूझकर प्राइवेट हाथों में सौंपा गया- जहां इलाज अब सिर्फ अमीरों के लिए रह गया है और गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब जीवनदायी नहीं, मौत के अड्डे बन चुके हैं।’



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