पशुपालक सावधान, फैल गया है घातक पिंक रोग, एक्सपर्ट से जानें लक्षण औऱ बचाव

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Animal husbandry: बरसात के मौसम में पशुओं में कई तरह के संक्रामक रोग फेक रहे है. इस समय बकरियों में ऐसा ही एक रोग पिंक आई डिजीज की समस्या देखने में आई है. डॉक्टरों के अनुसार, यह समय उन पशुओं में ज्यादा देखी जा रही है, जो गर्भावस्था में है, और डिलीवरी के करीब है. कम जगह में ज्यादा बकरियों के होने पर यह रोग फेल रहा है.

  बरसात का मौसम में न सिर्फ इंसानों में बल्कि पशुओं में भी कई बीमारियां बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि, इस मौसम में बकरियों में पिंक आई डिजीज की समस्या बढ़ जाती है. खरगोन में कई केस देखने में आए है. यह रोग संक्रामक है और एक से दूसरी बकरी तक जल्दी फैल जाता है.

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डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी उन बकरियों में ज्यादा पाई जा रही है, जो गर्भावस्था में हैं या डिलीवरी के करीब हैं. इस स्थिति में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा जहां कम जगह में ज्यादा बकरियां रखी जाती हैं, वहां यह रोग तेजी से फैलने की संभावना बढ़ जाती है.

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खरगोन के पशु चिकित्सक डॉ. खेमेंद्र रोकड़े ने बताया कि पिंक आई डिजीज में बकरियों की आंखें गुलाबी और सूजी हुई नजर आती हैं. शुरुआत में पानी जैसा स्राव निकलता है, लेकिन बाद में आंखों से पीप जैसी गाढ़ी चीज निकलने लगती है. कई बार बकरियां रोशनी से आंखें खोलने से भी बचती हैं और आंखों में तेज जलन होती है.

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उन्होंने बताया कि यह रोग ज्यादातर बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है. बरसात के समय गीली और गंदी जगहों पर बकरियों को रखने से संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है. हवा और सीधे संपर्क से यह बीमारी तेजी से एक झुंड से दूसरे झुंड में फैलती है.

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डॉ. खेमेंद्र के अनुसार, पिंक आई डिजीज का समय पर इलाज न किया जाए तो बकरियों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो सकती है. कई मामलों में बकरियां पूरी तरह से अंधी तक हो जाती हैं. ऐसे में बीमारी की शुरुआती अवस्था में ही ध्यान देना जरूरी है.

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इलाज के तौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप और मलहम लगाने की सलाह देते हैं. साथ ही बीमार बकरी को स्वस्थ झुंड से अलग रखने और साफ-सफाई बनाए रखने पर जोर देते हैं. समय पर दवा और देखभाल से यह रोग ठीक हो सकता है और संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है.

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यह भी बताया कि गर्भवती बकरियों पर खास ध्यान देना चाहिए. उन्हें साफ और हवादार जगह पर रखना चाहिए, ताकि बीमारी का असर कम हो. पशुपालकों को चाहिए कि वे बकरियों की आंखों में लालिमा, सूजन या पानी बहने जैसे लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें.

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पशु चिकित्सकों का कहना है कि बरसात में गंदगी और नमी से कई अन्य रोग भी पनपते हैं. इसलिए बकरियों को हमेशा सूखे स्थान पर रखना चाहिए. उनके चारे और पानी की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. अगर समय रहते सावधानी बरती जाए तो इस बीमारी से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है.

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