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खरगोन का गीता गंगा ट्रस्ट 22 साल से जरूरतमंदों की मदद और संस्कृति संरक्षण कर रहा है. हर साल सर्वपितृ अमावस्या पर शहीदों और लावारिसों का श्राद्ध तर्पण कराता है.
संस्था के अध्यक्ष पंडित जगदीश ठक्कर ने लोकल 18 को बताया कि, लगभग 22 साल पहले खरगोन शहर के छोटे बड़े मंदिरों में गीता महोत्सव मनाते थे. फिर वर्ष 2018 में इस कार्य को विस्तार देने के लिए गीता गंगा ट्रस्ट के नाम से पंजीयन कराया. पंजीयन के बाद गीता के प्रचार-प्रसार के साथ पर्यावरण शुद्धिकरण, वृक्षारोपण, नशा मुक्ति, जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न इत्यादि वितरण जैसे कार्य भी शुरू किए.
पंडित ठक्कर ने बताया कि करीब 13 साल पहले संस्था ने यह महसूस किया कि लोग श्राद्ध, तर्पण से दूरी बनाने लगे है. यह संस्कार विलुप्त होने लगा. लोगों के मन में यह धारणा बनने लगी कि परिजन की मृत्यु के बाद 13 दिन का कार्यक्रम करने के बाद वह अपने कार्य से मुक्त हो गए. बारह मासी श्राद्ध भी कर देते हैं, फिर कुछ नहीं करते. तब यह महसूस हुआ कि ऐसे में कही तर्पण की विधि लुप्त न हो जाए. तो सामूहिक रूप से कुंदा नदी के तट पर तर्पण करना आरंभ किया.
सर्वपितृ अमावस्या पर होगा है आयोजन
इस आयोजन में सभी जाति, समाज के लोग एक साथ एक स्थान पर पितरों का श्राद्ध तर्पण करते हैं. जो लोग इस आयोजन में भाग लेते हैं, उन्हीं के हाथों विद्वान पंडितों के द्वारा देश के शहीदों, महापुरुषों, लावारिसों का भी श्राद्ध, तर्पण एवं पिंडदान करवाते हैं. हर साल इस आयोजन में 100 से ज्यादा लोग अपने पितरों के तर्पण के लिए शामिल होते हैं. इस साल भी यह आयोजन सर्वपितृ अमावस्या के दिन किया जाएगा.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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