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Kumar Kartike News: कुमार कार्तिके ने दलीप ट्रॉफी में साउथ जोन के लिए चार विकेट लेकर विरोधी टीम को 149 पर ऑलआउट किया. करियर में काफी चुनौतियों का सामना कर चुके कार्तिके मध्य प्रदेश को रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने…और पढ़ें

गौतम गंभीर के कोच ने किया मार्गदर्शन
दिल्ली पहुंचने के बाद कार्तिके की मुलाकात कोच संजय भारद्वाज से हुई. भारद्वाज पहले ही गौतम गंभीर, अमित मिश्रा और नितीश राणा जैसे खिलाड़ियों को तराश चुके थे. उन्होंने कार्तिके की लगन और हुनर देखकर उन्हें अपनी अकादमी में जगह दी. रहने-खाने की व्यवस्था से लेकर ट्रेनिंग तक, सब कुछ कोच ने सम्भाला. कार्तिके ने भी भरोसा लौटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. स्थानीय टूर्नामेंटों में लगातार प्रदर्शन किया लेकिन बड़े मौके देर से मिले. सलाह दी गई कि वह मध्य प्रदेश जाएं. वहीं से उन्हें असली पहचान मिली.
साल 2018 में मध्य प्रदेश की ओर से कार्तिके ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया. फिंगर स्पिनर के तौर पर उन्होंने शुरुआत की, लेकिन वक्त के साथ समझ आया कि T20 क्रिकेट में रिस्ट स्पिन की जरूरत ज्यादा है. कोच के सुझाव पर कार्तिके ने खुद को ढाला. यूट्यूब वीडियोज देखकर उन्होंने रिस्ट स्पिन की बारीकियां सीखीं. घंटों नेट्स में मेहनत की और धीरे-धीरे नई कला में महारथ हासिल कर ली. आईपीएल 2022 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें अरशद खान के रिप्लेसमेंट के तौर पर मौका दिया. डेब्यू मैच में ही कार्तिके ने संजू सैमसन को आउट कर सबको चौंका दिया. उस मैच में मुंबई की आठ हारों की सिलसिला भी टूटा और कार्तिके की गिनती संभावनाओं से भरे खिलाड़ी के तौर पर होने लगी. इसके बाद उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए भी खेला.
MP को बनाया रणजी चैंपियन
कार्तिके के करियर का सबसे सुनहरा पल साल 2022 का रणजी सीजन रहा, जब उन्होंने मध्य प्रदेश को ऐतिहासिक खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. उस सीजन में वे 32 विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे. अगले दो सीजन में भी उन्होंने 30 से ज्यादा विकेट हासिल किए और लगातार अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया. कुमार कार्तिके की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि उस संघर्ष और दृढ़ निश्चय की मिसाल है जो किसी भी सपने को साकार कर सकता है. उत्तर प्रदेश से निकलकर मध्य प्रदेश की पहचान बनना, IPL में चमकना और अब दलीप ट्रॉफी में धाक जमाना, यह सब उनके सफर के पड़ाव हैं. आने वाले वक्त में भारतीय टीम की जर्सी पहनना उनका अगला लक्ष्य होगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें