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Sagar Chironji Barfi: सागर में तीन बत्ती पर स्थित चौधरी मिष्ठान की चिरौंजी बर्फी देश-दुनिया में मशहूर है. मिठाई की यह दुकान 96 साल पुरानी है. तब से लेकर आज तक इस खास बर्फी का स्वाद नहीं बदला है. नेता-अभिनेता, मंत्री-संतरी, हर किसी को यह बर्फी इस कदर पसंद आती है कि मीठा न खाने वाला भी अपने आप को रोक नहीं पाता है.
सागर में तीन बत्ती पर चौधरी मिष्ठान के नाम से यह दुकान 96 सालों से संचालित हो रही है. पिछले 8 सालों से चौधरी मिष्ठान को चला रहे रमेश चंद्र चौधरी लोकल 18 को बताते हैं कि उनके पिता जमुना प्रसाद चौधरी ने दुकान की शुरुआत की थी. तभी से दुकान में चिरौंजी बर्फी बन रही है. शहर की गलियों में रोजाना सुबह से मावा और शुद्ध घी से तैयार होने वाली इसी बर्फी की खुशबू फैलती है. बर्फी के लाजवाब स्वाद का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर पंडित रविशंकर शुक्ल, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव तक इसकी तारीफ कर चुके हैं. इस बर्फी की डिमांड न केवल भारत में बल्कि अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब जैसे कई देशों में है.
कड़ाही से हलवा फॉर्म में निकलती है और…
बताते चलें कि चिरौंजी की बर्फी को बनाने में 14 घंटे का समय लगता है और डिमांड इतनी होती है कि इसे बर्फी जैसा जमने का मौका ही नहीं मिल पाता. जैसे ही यह कड़ाही से हलवा फॉर्म में निकलती है, ग्राहकों की भीड़ लग जाती है. चिरौंजी की बर्फी को बनाने में जंगली चिरौंजी गाय का शुद्ध घी, खोया और शक्कर के साथ इलायची पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. खोया लेने के लिए गांव के एक किसान परिवार को फिक्स किया गया है. यह परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से मिठाई की इस दुकान पर मावा की सप्लाई कर रहा है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.