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Gardening Tips: हल्दी लगाने के लिए गमले के साथ आपको अच्छी मिट्टी, वर्मी कंपोस्ट और कुछ बालू की आवश्यकता होगी. इनका मिश्रण बनाकर गमले में भर दें और फिर दो से तीन इंच की गहराई पर हल्दी की गांठ लगाएं. इसके बाद उसमें पानी डाल दें.
चार-छह गमले में अगर आपने हल्दी की गांठ लगा दी तो यह आपके लिए पर्याप्त मात्रा में उपज दे देगा. अब अगर ऐसे लगाने की बात करें तो ऐसे छोटे या बड़े किसी भी गमले में हल्दी लगा सकते हैं. अगर गमला बड़ा है तो उसमें दो से तीन गांठ भी लगा सकते हैं.
हल्दी लगाने के लिए गमले के साथ आपको अच्छी मिट्टी और वर्मी कंपोस्ट और कुछ बालू की जरूरत पड़ेगी. इनका मिक्सर बनाकर गमले में भर दें और फिर दो से तीन इंच की गहराई पर हल्दी की गांठ लगाने के बाद उसमें पानी डाल दें और कुछ दिन में ही उसमें अंकुरण निकल आएगा. यह करीब 8 से 10 महीने में कंद बनाती है.
हल्दी की देखरेख
हल्दी लगाने के बाद इसकी देखरेख की आवश्यकता होती है. मिट्टी में नमी बनी रहे इसके लिए हफ्ते में दो-तीन दिन पानी जरूर देना चाहिए. एक महीने में इसमें जैविक खाद डालते रहें और इसमें कभी-कभी पत्तों में कीड़े लग जाते हैं जिनका निगरानी करनी पड़ती है. ऐसा करने पर नीम ऑयल छिड़काव कर सकते हैं.
पिछले 14 साल से हल्दी की खेती कर रहे सागर के किसान आकाश चौरसिया बताते हैं कि हल्दी को खेत में और गमले में दोनों जगह पर उगाया जा सकता है. छायादार जगह में भी इसको कोई दिक्कत नहीं होती है, इसलिए लोग अपने घर की छत पर गार्डन में टेरेस पर गमले में इसे लगाते हैं. भारतीय दर्शन में वास्तु के लिहाज से भी इसे अच्छा माना गया है और हमारे स्वास्थ्य के लिए यह लाभदायक होती है
विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक…और पढ़ें
विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक… और पढ़ें