यानी की पेंचवैली को बालाघाट से चलाने के सवाल को सिरे से खारिज कर दिया गया…ऐसे में सांसद भारती हमेशा कहती है कि बालाघाट से लंबी दूरी की ट्रेन चलाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन लंबी दूरी यानी भोपाल-इंदौर जाने वाली ट्रेन महज 55 किलोमीटर की दूरी पर खड़ी रहती है. इससे लंबी यात्राओं पर जाने वाले यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ता है.
इस मामले में बालाघाट के रहने वाले अंशुल कुमार ठाकरे कहते हैं कि वह अक्सर भोपाल और इंदौर जाते रहते हैं. ऐसे में वह एग्जाम के लिए बड़े शहरों की तरफ जाते हैं. ऐसे में वह ट्रेन से जाते हैं, तो उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके लिए उन्हें नैनपुर, सिवनी या फिर गोंदिया जाना पड़ता है. तीनों जगह पहुंचने में उन्हें कठिनाई होती है. वहीं, बस के साधन से जाने पर किराया काफी ज्यादा होता है. इसमें आम दिनों में 800 रुपए तक का किराया होता है. वहीं, त्योहारों के दिनों में किराया दोगुना से भी ज्यादा हो जाता है. ऐसे में अगर पादरीगंज तक आने वाली पेंचवैली बालाघाट या गोंदिया से शुरू होती है, तो भोपाल-इंदौर जाने वालों को राहत मिल सकती है. आपको बता दें कि स्टूडेंट्स के अलावा व्यापारी वर्ग और आम लोग भी भोपाल-इंदौर के रूट पर यात्रा करते हैं, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
शायद यहां हो गई चूक, अब सांसद की चुप्पी
सोशल मीडिया पर सांसद भारती पारधी का सदन में दिया हुआ एक बयान हो रहा है, जिसमें वह कहती है कि पेंचवैली एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 19343/29344 जो छिंदवाड़ा से भोपाल जाती है. इसे सिवनी से शुरु किया जाए. यह बयान 17 मार्च का है. लेकिन वह स्पष्ट रूप से बालाघाट से इसकी मांग करती तो शायद पेंचवैली का संचालन बालाघाट से हो सकता था. जीएम के साफ इनकार के बाद लोकल 18 की टीम ने सांसद भारती पारधी से मुलाकात की. लेकिन इस मामले पर बयान देने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे में लंबी दूरी की ट्रेन चलाने का प्रयास करने वाली सांसद की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे है.
इस मामले में लोकल 18 ने रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य मोनिल जैन से चर्चा की उन्होंने बताया कि भोपाल-इंदौर रूट के लिए ट्रेन चलाने की मांग पहले से की जा रही है. अभी जब जीएम का दौरा था उस दौरान भी इंदौर-भोपाल के लिए ट्रेन चलाने की मांग रखी गई है. उच्च अधिकारियों के साथ पत्राचार भी किया जा रहा है. वहीं, जीएम तरुण प्रकाश को बालाघाट के लोगों को हो रही समस्याओं से भी अवगत करवाया. वहीं, अमृत भारत और वंदे भारत जैसी ट्रेनें बालाघाट होते हुए जाए.
पेंचवैली एक्सप्रेस का ये है रूट
साल 2020 के पहले पंचवेली एक्सप्रेस छिंदवाड़ा जिले के अमला जंक्शन तक ही जाती थी. लेकिन इसके बाद इसे सिवनी तक बढ़ाया गया. लेकिन जुलाई 2025 में इसे मंडला के नैनपुर तक शुरू किया गया. अब ये ट्रेन नैनपुर से सिवनी, छिंदवाड़ा और भोपाल के रास्ते इंदौर पहुंचती है. वहीं, इसी रास्ते ये वापस नैनपुर तक आती है.
बालाघाट जिले से करीब 55 किलोमीटर दूर पादरीगंज स्टेशन पर पेंचवैली एक्सप्रेस खड़ी रहती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि नैनपुर में ट्रेन की खड़े रखने की व्यवस्था नहीं है. वहीं, ट्रेन की वॉशिंग भी नहीं हो पाती. ऐसे में यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ता है.
बालाघाट-गोंदिया तक चलाने की मांग
लोकल 18 से बातचीत में ब्रॉडगेज रेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूप सिंह बैंस ने कहा कि जीएम का बयान निराशाजनक है. ट्रेन को बालाघाट और गोंदिया तक बढ़ाया जाना चाहिए. इससे ट्रेन के सफाई का काम गोंदिया से भी किया जा सकेगा. इससे बालाघाट के आम लोगों को काफी सुविधा मिलेगी. वहीं, भोपाल-इंदौर की ओर जाने वाले लोगों को बसों के भारी किराये से भी मुक्ति मिलेगी.ब्रॉडगेज रेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूप सिंह बैस ने लोकल 18 को बताया कि पेंचवैली ट्रेन को बालाघाट तक बढ़ाने और एक कानपुर तक मेमू ट्रेन शुरू करने के लिए 20 सितंबर को आंदोलन करने वाला है.