तिरुपति जैसा अनुभव खंडवा में
अब तक बालाजी महाराज के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति जाना पड़ता था, लेकिन खंडवा में बनने वाली यह प्रतिमा और मंदिर भक्तों को वही आध्यात्मिक अनुभूति देगा. खास बात यह है कि यहां प्रतिमा की स्थापना पूरी धार्मिक विधि-विधान और आचार्यों के मंत्रोच्चार के साथ की जा रही है, जिससे यहां भी वही ऊर्जा प्रवाहित होगी जो तिरुपति में अनुभव की जाती है.
भक्तों के लिए यहां अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
श्रद्धालु लिफ्ट के जरिए 81 फीट ऊंची प्रतिमा तक पहुंचकर खुद भगवान को माला चढ़ा सकेंगे.
एक विशेष तकनीक से भक्त बटन दबाकर भगवान पर जल अभिषेक कर सकेंगे.
एक बटन दबाते ही माला भगवान के गले में खुद विराजमान हो जाएगी.
इसके अलावा मंदिर परिसर में लड्डू प्रसाद की व्यवस्था की जा रही है, ठीक वैसे ही जैसे तिरुपति में होती है. बाल दान की व्यवस्था और नि:शुल्क प्रसाद भोजनशाला भी प्रस्तावित है.
इस परियोजना का उद्देश्य केवल आस्था तक सीमित नहीं है. मंदिर और प्रतिमा के निर्माण से यह पूरा क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनेगा. हाईवे के किनारे स्थित होने से यहां रोजाना पांच हजार से दस हजार श्रद्धालु पहुंच सकेंगे. इससे स्थानीय स्तर पर चार सौ से पांच सौ परिवारों को स्थायी रोजगार मिलने की संभावना है.
प्रधानमंत्री से उद्घाटन की अपील
इस परियोजना की सराहना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साधु-संत और कई सामाजिक संगठनों ने की है. जूना अखाड़ा परिषद के सचिव हरिगिरी महाराज ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए उद्घाटन समारोह में आने की सहमति दी है. मंदिर समिति चाहती है कि इस भव्य प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करें, जैसा उन्होंने उज्जैन के महाकाल लोक का किया था.
इस पूरी योजना को ‘बालाजी ग्रुप’ अपने निजी संसाधनों से संचालित कर रहा है. अब तक लगभग 70-80 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. समूह के संस्थापक रितेश गोयल के मुताबिक, यहां आने वाला हर दान केवल समाज सेवा और क्षेत्रीय विकास में लगाया जाएगा. आगे चलकर यहां मुफ्त अस्पताल, अन्न क्षेत्र और गुरुकुल जैसी सुविधाएं भी शुरू करने की योजना है.
सिर्फ मूर्ति नहीं, एक महाअभियान
छैगांव माखन का यह प्रोजेक्ट केवल मूर्ति निर्माण तक सीमित नहीं है. यह एक महाअभियान है, जिसमें धर्म, सेवा और पर्यटन का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. जो लोग तिरुपति नहीं जा पाते, वे अब यहां आकर दिव्य अनुभव प्राप्त कर सकेंगे. यह प्रतिमा न सिर्फ खंडवा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश की शान बनेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक होगी.