सिर्फ 200 रुपये में 1 एकड़ धान की कटाई…जादू है ये मशीन, इसपर सब्सिडी भी

सिर्फ 200 रुपये में 1 एकड़ धान की कटाई…जादू है ये मशीन, इसपर सब्सिडी भी


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Agriculture News: रिपर मशीन लगभग दो घंटे में एक एकड़ खेत की कटाई कर सकती है. वहीं एक घंटे में केवल 600 मिली तक ईंधन यानी पेट्रोल लगता है. इसका मतलब है कि एक एकड़ में सिर्फ 200 रुपये की लागत आती है.

बालाघाट. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले को धान उत्पादन के लिए जाना जाता है लेकिन बीते कुछ सालों से किसानों की एक बड़ी समस्या है, जिससे खेती करना टेढ़ी खीर बन रहा है. ऐसे में किसानों को धान लगाने से लेकर धान कटाई तक मजदूरों की समस्या का सामना करना पड़ता है. अब किसान भाई खेती में मशीनों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. अब 15 दिन बाद से धान कटने के लिए तैयार हो जाएगा. इसके लिए किसान भाई रिपर यानी धान काटने की मशीन खरीद रहे हैं. ऐसे में हम मशीन की जानकारी विस्तार से बता रहे हैं. इसके लिए हमने बालाघाट के मशीन विक्रेता संजय जैन से बात की, जानते हैं उन्होंने क्या बताया.

मशीन विक्रेता संजय जैन ने लोकल 18 को बताया कि अब धान काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. वहीं मजदूरी काफी महंगी हो चुकी है. ऐसे में रिपर, जिसे कैंपों के नाम से जाना जाता है, से अब समय, लागत और श्रम की बचत होती है. वहीं बेमौसम बरसात से खराब होने वाली फसल जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है. इससे किसानों की लागत में कमी आ जाती है, जिससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होती है.

दो घंटे में एक एकड़ की कटाई
उन्होंने आगे बताया कि रिपर मशीन करीब दो घंटे में एक एकड़ खेत की फसल की कटाई कर सकती है. वहीं एक घंटे में सिर्फ 600 मिली तक ईंधन यानी पेट्रोल लग सकता है. एक एकड़ में सिर्फ 200 रुपये की लागत आती है. यह लागत मजदूरी के मुकाबले काफी कम है. वहीं 30 घंटे चलाने के बाद इसकी सर्विसिंग करनी पड़ती है. इसका मेंटेनेंस का खर्च भी ज्यादा नहीं है. ऐसे में हर साल बालाघाट में 300 से ज्यादा मशीनें बिक रही हैं.

सरकारी अनुदान में 50 फीसदी की बचत
संजय जैन बताते हैं कि सरकार भी समय-समय पर इस मशीन पर अनुदान देती है. आमतौर पर इस मशीन की कीमत एक लाख रुपये से लेकर 1 लाख 70 हजार रुपये तक होती है. ऐसे में सरकारी योजना में आधी कीमत पर भी मिल सकती है. इसके लिए किसान ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए तय राशि का डिमांड ड्राफ्ट भरना पड़ता है, जिसके बाद लॉटरी सिस्टम से किसानों को इस मशीन पर अनुदान मिलता है.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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