आज साढ़े नौ लाख बच्चों को मिलेगी एंटी वॉर्म गोली: ​​​​​​​राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों में होंगे कार्यक्रम, पेट में कीड़े तो रुक जाता है शारीरिक विकास – Bhopal News

आज साढ़े नौ लाख बच्चों को मिलेगी एंटी वॉर्म गोली:  ​​​​​​​राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों में होंगे कार्यक्रम, पेट में कीड़े तो रुक जाता है शारीरिक विकास – Bhopal News



राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 23 सितंबर को भोपाल में साढ़े नौ लाख बच्चों को एंटी वॉर्म एल्बेंडाजोल गोली खिलाई जाएगी। यह सिर्फ एक दवा नहीं बल्कि बच्चों के स्वस्थ भविष्य की गारंटी है। पेट में होने वाले कीड़ों से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जा

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देशभर में साल में दो बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1 से 19 साल तक के बच्चों को स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में एल्बेंडाजोल गोली खिलाई जाती है। इसके अलावा 20 से 49 साल तक की महिलाएं, जो गर्भवती और धात्री (दूध पिलाने वाली) नहीं हैं, उन्हें भी यह दवा दी जाती है।

भोपाल जिले में स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य लगभग 9.5 लाख बच्चों को यह गोली खिलाने का है। इसके लिए दवा स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचा दी गई है।

बच्चों तक ऐसे पहुंचेगी गोली

  • प्रत्येक स्कूल में एक नोडल टीचर को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
  • गोली बच्चों को नोडल टीचर की मौजूदगी में ही खिलाई जाएगी।
  • आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ता और स्वास्थ्यकर्मी दवा देंगे।
  • इस दौरान बच्चों को फायदे और सावधानियों के बारे में भी बताया जाएगा।

पेट के कीड़े खून और पोषण को करते हैं कम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि कीड़ों के संक्रमण से बच्चों की शारीरिक और मानसिक वृद्धि प्रभावित होती है। इससे उनकी पढ़ाई, उपस्थिति और शैक्षणिक प्रदर्शन भी कमजोर होता है।

उन्होंने कहा कि एल्बेंडाजोल पूरी तरह सुरक्षित है और इसका कोई नुकसान नहीं है। पेट के कीड़े बच्चों के खून और पोषण को कम करते हैं। इससे बच्चों में एनीमिया (खून की कमी) बढ़ता है। कमजोर बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं और पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। लंबे समय में यह उनकी ऊंचाई, वजन और बौद्धिक विकास को प्रभावित करता है।

महिलाओं के लिए भी फायदेमंद अभियान के तहत 20 से 49 साल की वे महिलाएं, जो गर्भवती या धात्री नहीं हैं, उन्हें भी एल्बेंडाजोल खिलाया जाएगा। यह एनीमिया और कृमि संक्रमण से बचाव में मदद करता है।



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