“ऑटो बिका, जमापूंजी खत्म“, बेटों को खोने वालों का दर्द: 15 दिन में तीन बच्चों की किडनी फेल होने से मौत; ICMR की टीम करेगी जांच – Chhindwara News

“ऑटो बिका, जमापूंजी खत्म“, बेटों को खोने वालों का दर्द:  15 दिन में तीन बच्चों की किडनी फेल होने से मौत; ICMR की टीम करेगी जांच – Chhindwara News


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यह दर्द है यासीन खान का, जिन्होंने किडनी की बीमारी से अपने 4 साल के बेटे उसेद को खो दिया है। परासिया (छिंदवाड़ा) में किडनी की बीमारी से एक-एक करके तीन मासूम बच्चों की मौत से क्षेत्र में मातम का माहौल है।

उसेद के इलाज के लिए परिवार ने अपना सबकुछ लगा दिया था, उसके बाद भी उसे नहीं बचा सके। इसी तरह, 5 वर्षीय अदनान खान की भी किडनी फेल होने से जान चली गई, जिसके इलाज में परिवार ने 4 लाख रुपए खर्च किए। वहीं 4 साल के हितांश सोनी की भी किडनी फेल होने से मौत हो गई। प्रशासन ने अब आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) से जांच कराने का फैसला किया है।

किडनी से तीन बच्चों की मौत होने पर दैनिक भास्कर की टीम छिंदवाड़ा के परासिया पहुंची और उनका दर्द जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट …

ICMR जांच शुरू, स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय

परासिया में किडनी फेलियर से बच्चों की मौत के मामले में ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की टीम ने जांच शुरू कर दी है। 15 दिनों में तीन बच्चों की मौत और 9 के बीमार होने के बाद जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए ICMR से मदद मांगी थी।

परिजनों के मुताबिक, बच्चों को पहले बुखार और जुकाम हुआ, फिर किडनी में इन्फेक्शन। निजी अस्पतालों में इलाज के बाद भी हालत बिगड़ी और नागपुर रेफर करने के बाद भी तीन बच्चों की जान चली गई।

भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी परासिया में डेरा डाले हुए है। टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया, पीड़ितों के परिवारों से मिली और जानकारी जुटाई। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने भी टीम के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

यासीन खान के परिवार की हालत बहुत खराब चल रही है। उसेद का डायलिसिस भी हो चुका है।

यासीन खान के परिवार की हालत बहुत खराब चल रही है। उसेद का डायलिसिस भी हो चुका है।

अब पढ़िए तीन परिवारों के हालात और उनकी मजबूरियां

1. उसेद की मौत ने उजाड़ दिया यासीन का संसार

परासिया के मैगजीन लाइन में यासीन खान के घर पर मातम पसरा है। उनका 4 साल का बेटा उसेद खान, जिसे प्यार से उस्सू कहते थे, 13 सितंबर को चल बसा। 14 दिन की बीमारी में हंसता-खेलता बच्चा काल के गाल में समा गया। अब घर में सिर्फ यासीन का छोटा बेटा यामान खान (2 साल) ही बचा है। यासीन खान बताते हैं कि 31 अगस्त को उसेद को बुखार आया था। स्थानीय क्लीनिक में इलाज के बाद 6 सितंबर को बुखार ठीक हो गया, लेकिन अगले दिन फिर बुखार आया। 7 तारीख को उसे छिंदवाड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से उसे नागपुर रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी किडनी में इंफेक्शन है और पेशाब रुक रही है। नागपुर पहुंचते ही यासीन की सारी जमा-पूंजी खत्म हो गई। बेटे के इलाज के लिए उन्होंने अपना ऑटो बेच दिया, जो उनके रोजगार का साधन था। घर की महिलाओं के जेवर भी बेच दिए गए। इलाज में 3 लाख रुपए खर्च हुए, लेकिन फिर भी उसेद को नहीं बचाया जा सका। इलाज के दौरान उसेद का तीन बार डायलिसिस करवाया गया, जिससे किडनी की बीमारी में आराम मिला। लेकिन इस बीच उसके ब्रेन में सूजन आ गई, जिससे ब्रेन हेमरेज हो गया। 6 दिन चले इलाज के बाद भी 13 सितंबर की शाम को उसकी मौत हो गई।

2. अदनान की मौत से आफरीन का परिवार उजड़ गया

आफरीन परवीन की आंखों में आंसू थे। इस संयुक्त परिवार में कुछ दिन पहले तक 12 बच्चे थे, लेकिन अब सिर्फ 11 ही बचे हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा अदनान, जो सिर्फ 5 साल 8 महीने का था, अब इस दुनिया में नहीं रहा। दोनों किडनियां खराब होने के कारण उसकी जान चली गई। आफरीन ने बताया कि 21 अगस्त को अदनान को पहली बार बुखार आया था। दवा लेने के बाद वह ठीक हो गया था, लेकिन 26 अगस्त को उसे बार-बार उल्टी होने लगी, जिसके कारण उसे परासिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया। 27 अगस्त को फिर से बुखार आने पर उसे इंजेक्शन दिया गया। अदनान लगातार पेट दर्द और उल्टी की शिकायत कर रहा था।

अदनान की मौत के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वे उसके देखते रहत हैं।

अदनान की मौत के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वे उसके देखते रहत हैं।

जांच में आया था अदनान को संक्रमण था

न्यूटन में रहने वाले परिवार ने डॉक्टर प्रवीण सोनी से इलाज करवाया। डॉक्टर प्रवीण सोनी का उमरेड में भी एक क्लिनिक है, जहां डॉक्टर सिद्दीकी भी बैठते हैं, जिन्होंने पहले मामले का इलाज किया था। लगातार पेट दर्द और उल्टी की समस्या के कारण अदनान को 28 अगस्त को नाहर अस्पताल में डॉक्टर नाहर के पास ले जाया गया। उन्होंने जांच के बाद अदनान की किडनी में संक्रमण पाया। उसी रात अदनान को लेकर नागपुर के लिए रवाना हो गए, लेकिन 9 दिन के इलाज के बाद 7 सितंबर को अदनान ने अपनी आखिरी सांस ली।

3. उमरेठ में भी मातम: 18 दिन बाद हितांश ने तोड़ा दम

उमरेठ के चार वर्षीय हितांश सोनी ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। वार्ड क्रमांक 6 में रहने वाले अमित सोनी ने बताया कि बच्चे को बुखार आने पर परासिया के शिशुरोग विशेषज्ञ के पास लेकर गए थे, जहां तीन दिन उपचार के बाद भी जब बच्चे को आराम नहीं मिला तो डॉक्टर ने उसे नागपुर रेफर कर दिया। नागपुर के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की किडनी में इंफेक्शन हो गया है। 18 दिन के उपचार में 8 लाख रुपए का खर्चा आया, लेकिन हितांश को डॉक्टर बचा नहीं पाए। मासूम बच्चे की मौत से उमरेठ में मातम का माहौल है।

अदनान के पुराने वीडियो देखकर परिवार का हाल-बेहाल है।

अदनान के पुराने वीडियो देखकर परिवार का हाल-बेहाल है।

तीन मासूमों की मौत, हजारों बच्चों की जांच

परासिया सिविल अस्पताल के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित सहलाम ने बताया कि सर्दी, जुकाम और बुखार की शिकायत के बाद कुछ बच्चों का निजी अस्पताल में इलाज कराया गया था। इनमें अचानक किडनी की समस्या आने लगी। बच्चों को छिंदवाड़ा और नागपुर रेफर किया गया, तो पता चला कि किडनी में इंफेक्शन हो गया है। तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। कुछ बच्चों का इलाज अभी भी जारी है। प्रशासन की टीम लगातार इलाकों का दौरा कर 5 साल तक के बच्चों का सर्वे कर सैंपल कलेक्ट कर रही है। जांच के बाद ही कारणों का पता चल पाएगा।

CMHO ने स्थानीय डॉक्टरों के हवाले से बच्चों की मौत को स्पष्ट किया।

CMHO ने स्थानीय डॉक्टरों के हवाले से बच्चों की मौत को स्पष्ट किया।

बच्चों की मौत चिंता का विषय, ICMR करेगी जांच: कलेक्टर”

छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि अचानक किडनी इंफेक्शन से बच्चों की मौत चिंता का विषय है। इसके लिए जिला प्रशासन ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च से संपर्क किया है। दिल्ली की टीम रिसर्च कर बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाएगी। इस पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर निजी अस्पताल भी इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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छिंदवाड़ा में बीते 15 दिन में किडनी फेल होने से तीन बच्चों की मौत हो गई। 9 का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की टीम को जांच के लिए बुलाया है। मामला परासिया विकासखंड का है। पूरी खबर पढ़ें



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