राहुल का खुद का टूटा सपना, तो 650 लड़कों को ट्रेंड कर दिलाई सरकारी नौकरी

राहुल का खुद का टूटा सपना, तो 650 लड़कों को ट्रेंड कर दिलाई सरकारी नौकरी


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Sagar News: कॉलेज में एनसीसी के दौरान राहुल ने भारतीय सेना में जाने का सपना देखा. इसके लिए साल 2018 से तैयारी शुरू की. दो बार फिजिकल में फेल हो गए. पिछली बार की गलतियों से वह सीख तो ले रहे थे लेकिन फिर देश में कोरोना ने दस्तक दे दी.

सागर. पुलिस, भारतीय सेनाओं और अर्द्धसैनिक बलों की नौकरी पाने के लिए फिजिकल टेस्ट में पास होना अनिवार्य है. मध्य प्रदेश में इसके लिए इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल जैसे शहरों में युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है लेकिन उनकी फीस इतनी ज्यादा होती है कि हर कोई यह खर्च उठा नहीं पाता है. ऐसे में सागर का एक युवक गरीब-पिछड़े नौजवानों के लिए मसीहा बनकर उभरा है, जो महज 100-200 रुपये फीस में बच्चों को ट्रेनिंग दे रहा है. चार साल में अब तक करीब 650 लड़के और लड़कियों का अलग-अलग जगहों पर सलेक्शन भी हो चुका है.

26 साल के राहुल पटेल सागर से करीब 40 किलोमीटर दूर टेहरा टिहरी गांव के रहने वाले हैं. दसवीं की पढ़ाई गांव से करने के बाद वह शहर आ गए थे. यहां उन्होंने सीआर मॉडल बड़ा बाजार से 12वीं तक पढ़ाई की और फिर कॉलेज में एडमिशन लिया. कॉलेज में एनसीसी के दौरान उन्होंने इंडियन आर्मी में जाने का सपना देखा. इसके लिए 2018 से तैयारी शुरू की. दो बार फिजिकल में फेल हो गए. पिछली बार की गलतियों से राहुल सीख तो ले रहे थे लेकिन फिर देश में कोरोनावायरस ने दस्तक दे दी. कोविड के चलते दो साल तक भर्ती ही नहीं निकली, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनकी उम्र निकल गई.

पैसे नहीं हों, तब भी देते हैं ट्रेनिंग
जिसके बाद राहुल ने युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया. वह युवाओं को दो साल तक फ्री में ट्रेंड करते रहे लेकिन अब फीस लेने लगे हैं क्योंकि उनका कहना है कि ग्राउंड को ठीक करने और चूना सहित कुछ अन्य चीजों में पैसे खर्च होते हैं लेकिन अगर किसी के पास पैसे नहीं होते हैं, तो वह उससे फीस भी नहीं लेते हैं. वह कह देते हैं कि जब नौकरी लग जाए, तो दे देना. हमारे कई बच्चे ऐसे हैं, जो पहली सैलरी से ही फीस देते हैं लेकिन उन्हें तो इस बात की खुशी होती है कि जिस वजह से वह पीछे रह गए, उसमें अब उनके ट्रेंड बच्चे सलेक्ट हो रहे हैं. भारतीय सेना में जब किसी का सलेक्शन होता है, तो उन्हें लगता है कि उनका ही सेना में जाने का सपना पूरा हो रहा है.

सुबह 5 से 8 बजे तक ट्रेनिंग टाइम
राहुल पटेल बताते हैं कि वह रोजाना सुबह 5 बजे ग्राउंड पर पहुंच जाते हैं और 8 बजे तक ट्रेनिंग देते हैं. इस दौरान वह बताते हैं कि किस तरह से दौड़ना है, कितने समय में दौड़ पूरी करनी है. वह बच्चों को लॉन्ग जंप, गोला फेंक और भर्ती से जुड़ा सबकुछ सिखाते हैं. जब कोई भर्ती आती है, तो वह शाम को भी बच्चों से मेहनत करवाते हैं.

अग्निवीर भर्ती में 70 लड़के सलेक्ट
राहुल ने आगे बताया कि अग्निवीर की पिछली तीन भारतीयों में हमारे 70 लड़के सलेक्ट हो चुके हैं. पिछली बार पुलिस भर्ती में 80 लोग सलेक्ट हुए. 2022 की पुलिस भर्ती में 72 लड़कों ने क्वालीफाई किया था लेकिन मेरिट लिस्ट के आधार पर 22 का ही चयन पुलिस में हो पाया था. 50 से ज्यादा लड़कियां भी यूपी, दिल्ली और एमपी पुलिस में सलेक्ट हो चुकी हैं. इसके अलावा यूपी पुलिस, दिल्ली पुलिस, बीएसएफ, सीआईएसएफ, रेलवे, आरपीएफ और जीआरपी में भी उनके बच्चे सलेक्ट हुए हैं.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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