Ajab Gajab: न कोर्ट न कचहरी…ऑन द स्पॉट होता फैसला, लकड़ी तोड़ने से हल होते बड़े से बड़े मुद्दे!

Ajab Gajab: न कोर्ट न कचहरी…ऑन द स्पॉट होता फैसला, लकड़ी तोड़ने से हल होते बड़े से बड़े मुद्दे!


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Burhanpur Ajab Gajab Tradition: मध्यप्रदेश में आज भी पुरानी मान्यताओं को अहमियत दी जाती है. इन्हीं में से एक प्रथा है लकड़ी तोड़कर विवाद सुलझाना, आइए जानते हैं इसके बारे में…

मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां पर आज भी कई मान्यताओं का निर्वहन किया जाता है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है जो कोर्ट कचहरी और थाने तक नहीं जाता है जो भी विवाद होता है वह एक लकड़ी तोड़कर उसको सुलझा दिया जाता है. आइए आज हम आपको इस परंपरा से रूबरू करवाते हैं.

समाज के लोगों ने दी जानकारी 
लोकल 18 की टीम ने जब समाज के वरिष्ठों से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक आपने लड़ाई झगड़ों के मामले थाने कोर्ट कचहरी और तहसील कार्यालय से सुलझते हुए देखे होंगे और सुने होंगे लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आदिवासी समाज अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है. पारिवारिक गांव या समाज में हुए विवादों को लकड़ी को तोड़कर खत्म कर दिया जाता है. समाज के विजय धारवे ने जानकारी देते हुए बताया कि बड़े से बड़ा विवाद हो तो भी दो गांव के पंच आपसी में सुलह कराते हैं. और जब समझौता होता है तब एक लकड़ी ली जाती है और समाज के लोगों के बीच उसको तोड़ दी जाती है. लकड़ी टूटने पर पूरा विवाद खत्म हो जाता है. और विवाद करने वाले लोग एक दूसरे के सगे संबंधी बन जाते हैं. यह परंपरा आदिवासी समाज जब से समाज की मुख्य धारा से जुड़ा है तब से चली आ रही है. आज के डिजिटल युग में भी इस परंपरा का निर्वहन हो रहा है. इस वर्ष में करीब 20 से अधिक परिवारों में सुलह हुई है.

300 साल पुरानी है परंपरा 
समाज के वरिष्ठों का कहना है कि यह परंपरा 300 वर्षों से चली आ रही हैं. आज डिजिटल युग में भी परंपरा का निर्वहन होता है. समाज गांव के पंच विवादों को समझते हैं और विवाद सुलझाते हैं. एक लकड़ी के दो टुकड़े कर दिए जाते हैं दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे से गले मिलकर इस विवाद को हमेशा के लिए खत्म करते हैं और हर सुख दुख में शामिल होना शुरू कर देते हैं.

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Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

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न कोर्ट न कचहरी…ऑन द स्पॉट होता फैसला, लकड़ी तोड़कर निपटा देते हर मुद्दा!



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