Chhatarpur News: 11 सरकारी शिक्षकों पर FIR, दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पाई थी नौकरी

Chhatarpur News: 11 सरकारी शिक्षकों पर FIR, दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पाई थी नौकरी


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Chhatarpur Fake Teacher News: मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक अजब-गजब मामला सामने आया है. जिले में 11 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जानें पूरा मामला…

Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक अजब-गजब मामला सामने आया है. जिले में 11 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन्होंने शिक्षक की नौकरी हासिल की थी. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रतिवेदन पर कोतवाली पुलिस ने 11 शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है. इन शिक्षकों पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल करने का आरोप है. बताया जा रहा कि इन सभी ने दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर साल 2023 में वर्ग -3 में नियुक्ति पाई थी.

यह मामला तब सामने आया, जब जांच के दौरान दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठे. शिकायत के बाद जांच हुई तो शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले. अब कोतवाली थाने में सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. इतना ही नहीं, इन शिक्षकों पर स्कूल एवं शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी पद पाने का गंभीर आरोप भी है.  पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल है.

इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर 
कोतवाली टीआई अरविंद सिंह दांगी ने बताया, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रतिवेदन पर आरोपी शिक्षक कविता अहिरवार, नेहा विश्वकर्मा, रोहित नायक, विशाल जैन, मनीषा लोधी, भानुप्रताप पटेल, दीपाली त्रिपाठी, रामकुमार पटेल, विनोद अहिरवार, अवध किशोर मिश्रा, मोनिका सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से विनोद कुमार अहिरवार टीकमगढ़ तो नेहा विश्वकर्मा खरगापुर में पदस्थ हैं.

7 साल की सजा का प्रावधान 
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 318(4) में धोखाधड़ी के मामलों में सजा का प्रावधान है, जिसमें किसी को धोखा देकर संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना शामिल है, जिसके लिए सात साल तक के कारावास, जुर्माने या दोनों का दंड दिया जा सकता है. यह अपराध संज्ञेय (पुलिस गिरफ्तार कर सकती है) और गैर-जमानती है.

दूसरे दिव्यांगों के सर्टिफिकेट एडिट किए…
वहीं, डीइओ अरुण शंकर पांडेय ने बताया कि फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट में 16 शिक्षक संदिग्ध मिले. सीएमएचओ से उनके प्रमाणपत्रों की जांच कराई तो जिस अस्पताल से प्रमाणपत्र बनाया गया, वहां इन शिक्षकों के नाम रिकॉर्ड में नहीं पाए गए. इन शिक्षकों ने दूसरे दिव्यांगों के सर्टिफिकेट को एडिट कर अपने नाम का बनाना पाया गया. फर्जीवाड़े के आरोपी 16 शिक्षकों में से 5 शिक्षक स्टे लेकर आ गए हैं. पुलिस ने शेष 11 शिक्षकों पर धारा 318/4 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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