मढ़ैया गौड़, सेवारा, मसवासी, बहेरिया सहित आसपास के गांवों में अब शराब पीना अपराध हो गया है। हालाँकि, इस अपराध पर एफआईआर नहीं होगी, लेकिन गांव में शराब पीने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा। इन गांवों में यह निर्णय समाज के लोगों ने लिया है। विशेषकर महिला
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इससे पहले तक इन गांवों में शाम होते ही हुड़दंग की आवाजें आने लगती थीं, इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा था और महिलाएं परेशान थीं, इस कारण मढ़ैया गौड़ में ग्राम कमेटी महिला संगठन ने बैठक कर शराबबंदी का निर्णय लिया। इसके लिए स्कूल में गांव की महिलाओं को बुलाकर बैठक की। इसमें पुरुष भी शामिल हुए। गांव में शराब बंद करने के लिए नियम तय किए।
इन नियमों को नहीं मानने वालों से जुर्माना वसूलने के साथ ही अन्य दंड देने के प्रावधान हैं। इसका असर यह हुआ कि जहां शाम होते ही गांव में हुड़दंग होने लगती थी, अपशब्द सुनाई देते थे, वहां अब शाम होते ही सन्नाटा रहता है। गांव में अवैध शराब बिक्री बंद हो गई है, क्योंकि कोई पीने वाला ही नहीं है। हालाँकि, शराबबंदी को लगातार रखना बड़ी चुनौती है।
गांव में आने वाले रिश्तेदारों को भी मानने होंगे नियम: गांव में लिए गए निर्णय के मुताबिक गांव वालों के साथ ही रिश्तेदारों पर भी यह नियम लागू होंगे। यानी गांव के लोगों का कोई रिश्तेदार शराब पीकर आता है तो उसके लिए गांव में वह परिवार जिम्मेदार होगा जिसके यहां वह आया है। जुर्माना, दंड उसी परिवार पर लगाया जाएगा। बाहर के लोग भी गांव में शराब पीकर नहीं आ सकते।
नियम नहीं माने तो जुर्माना
नियम नहीं मानने वालों के लिए गांव में जुर्माना भी तय किया है। गांव के लोगों के लिए यह सबसे अधिक 25000 रुपए है। यदि गांव का कोई व्यक्ति शराब पीकर आता है तो उस पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह यदि किसी का रिश्तेदार गांव में आता है वह पहले से शराब पिए हुए है या गांव में आकर पीता है तो 1000 रुपए का जुर्माना तय किया है।
अब नहीं बिकती शराब
शराबबंदी से पहले तक गांव में चार स्थानों पर शराब बिकती थी। यह पास के बहरौल से लाकर बेची जाती थी। लोग कभी भी लेकर शराब पी लेते थे। इसकी जानकारी पुलिस को भी थी लेकिन अवैध शराब की बिक्री नहीं रुकवाई। ठेकेदार द्वारा बिकवाई जा रही थी। शराबबंदी के बाद गांव में अब अवैध शराब नहीं बिक रही है।
शराबबंदी का पालन भी कराया जा रहा : समाज के अध्यक्ष राजेश सिंह सोयाम ने बताया कि गांव सहित आसपास के गांवों में शराबबंदी का निर्णय महिलाओं ने लिया है। यह अच्छा निर्णय है। इसे महिलाओं की ग्राम समाज कमेटी ने लिया है। इसका समर्थन पुरुषों ने भी किया है। शराबबंदी होने के बाद थाने में सूचना दी गई। साथ ही गांव में पालन कराया जा रहा है। लोगों को समझाइश देकर शराब से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।