हरदा जिले में प्रस्तावित डॉ. राजेंद्र प्रसाद वन अभ्यारण्य को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों पर उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव लिखने का आरोप लगाया है। राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार हेमंत टाले और आदि
.
चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी सहमति लिए बगैर ही ग्राम केलझिरी, बंसीपुरा और झल्लार सहित अन्य गांवों में अभ्यारण्य कॉरिडोर बनाए जाने के प्रस्ताव दर्ज कर लिए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह उनके साथ धोखा है और पंचायतीराज की अवधारणा के विरुद्ध है।
ग्रामीणों ने खुद को ठगा हुआ महसूस करने की बात कही। इस चर्चा में प्यारेलाल सिलाले, किशोरीलाल, सालकराम ध्रुवे, मोतीराम इवने, हजारी दादा, विष्णु और नन्हेलाल सहित कई ग्रामीण शामिल थे।
ग्रामीणों ने घोषणा की है कि वे 2 अक्टूबर, गुरुवार को महात्मा गांधी जयंती पर होने वाली ग्राम सभा में इस विषय पर विरोध प्रस्ताव पारित करेंगे।
पंचायतीराज संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार टाले ने कहा कि आदिवासी ग्रामीणों की सहमति के बिना प्रस्ताव पारित करना पंचायतीराज की अवधारणा के खिलाफ है।
