टेस्ट क्रिकेट का सबसे खूंखार बल्लेबाज! 57 बॉल में शतक का अटूट रिकॉर्ड, 819 विकेट लेने वाले की निकाली थी हेकड़ी

टेस्ट क्रिकेट का सबसे खूंखार बल्लेबाज! 57 बॉल में शतक का अटूट रिकॉर्ड, 819 विकेट लेने वाले की निकाली थी हेकड़ी


Fastest Century In Test cricket: साल 2025 के समाप्त होने में अभी तीन महीने का समय बाकी है और क्रिकेट फैंस को अब तक 9 महीनों में एक से बढ़कर क्रिकेट मैचों को देखने का मौका मिल चुका है. अब साल के अंत में उन्हें सबसे बड़ी टेस्ट सीरीज में से एक का रोमांच मिलेगा. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मशहूर एशेज सीरीज की शुरुआत 21 नवंबर को होने वाली है. उसके शुरू होने से 50 दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया में माहौल बन चुका है. यहां तक कि इंग्लैंड की टीम का भी ऐलान हो चुका है. यहां तक कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पुराने मैचों के वीडियो को शेयर कर इंग्लैंड पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया है.

टेस्ट क्रिकेट का सबसे तेज शतक

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है जिसमें खूंखार बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट तूफानी बैटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं. 6 दिसंबर 2006 को एडम गिलक्रिस्ट ने महज 57 गेंदों में एक तूफानी शतक जड़ा था. वह उस समय सिर्फ एक गेंद से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से चूक गए थे. उस वक्त वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स के नाम सबसे तेज शतक (56 गेंद) का रिकॉर्ड दर्ज था. रिचर्डस की बराबरी पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक (56 गेंद) ने की थी, लेकिन न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैकुलम (54 गेंद) ने दोनों को पीछे छोड़ टेस्ट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. वह अब तक इस मामले में शीर्ष पर हैं.

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एशेज गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया का खूंखार अवतार

इस पारी ने सीरीज में 0-2 से पिछड़ रहे इंग्लैंड की वापसी की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया और ऑस्ट्रेलिया को एशेज वापस जीतने में मदद की थी. 2005 की गर्मियों में इंग्लैंड में 16 साल में पहली बार एशेज गंवाने के बाद से ऑस्ट्रेलिया वापसी के लिए बेचैन था. नवंबर 2006 में ब्रिस्बेन में पहला टेस्ट शुरू होने के बाद लगभग तीन हफ्तों के भीतर कंगारू टीम ने दो प्रभावशाली जीत हासिल कर ली थीं. ब्रिस्बेन में 277 रनों से और एडिलेड में छह विकेट से जीत के बाद टीम पर्थ में उतरी थी.

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पर्थ में इस तिकड़ी का कमाल

ऑस्ट्रेलियाई खेमे को अंग्रेजों को पूरी तरह से हराने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और पर्थ में तीसरे दिन के खेल के अंत तक यह एक वास्तविकता बन गया था. इसका श्रेय माइकल हसी के पहले एशेज शतक, माइकल क्लार्क के दूसरे और सबसे महत्वपूर्ण एडम गिलक्रिस्ट के तीसरे शतक ने तूफान मचा दिया. पर्थ में रिकी पोंटिंग ने टॉस जीतकर अपनी टीम को बल्लेबाजी करने के लिए कहा, लेकिन लंच तक 69 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे. माइकल हसी (नाबाद 74 रन) को छोड़कर कोई बल्लेबाज नहीं चला और कंगारू टीम पहली पारी में 244 रनों पर सिमट गई.

 

 

इंग्लैंड की बैटिंग तहस-नहस

इसके बाद जब इंग्लैंड की टीम अपनी पहली पारी में बल्लेबाजी के लिए आई तो महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा की अगुआई वाली बॉलिंग लाइन-अप ने उसके बल्लेबाजों के पसीने निकाल दिए. इंग्लिश टीम किसी तरह 215 रन तक पहुंच पाई और ऑस्ट्रेलिया को 29 रनों की लीड मिल गई. इसके बाद दूसरी पारी में जब मेजबान टीम बल्लेबाजी के लिए आई तो उसके बल्लेबाजों ने अलग ही अवतार ले लिया था. मैथ्यू होगार्ड की गेंद पर जस्टिन लैंगर (00) तुरंत ही आउट हो गए. यहां से मैथ्यू हेडन (92 रन) और कप्तान पोंटिंग (75 रन) ने मोर्चा संभाला, लेकिन असली तबाही माइकल हसी, माइकल क्लार्क और एडम गिलक्रिस्ट ने मचाई.

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पर्थ में आया गिलक्रिस्ट का तूफान

हसी ने 156 गेंद पर 103 रन बनाए. उनके बाद माइकल क्लार्क ने 164 गेंद पर नाबाद 136 रन की पारी खेली. इंग्लैंड के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम एडम गिलक्रिस्ट ने किया. उन्होंने 57 गेंद में ही शतक ठोककर इंग्लिश गेंदबाजों के होश उड़ा दिए. वह 59 गेंद पर 102 रन बनाकर नाबाद रहे. इस दौरान 12 चौके और 4 छक्के लगाए. टेस्ट मैच में उनका स्ट्राइक रेट 172.88 का रहा. उन्होंने अपनी पारी के दौरान इंग्लैंड के स्पिनर मोंटी पानेसर के एक ओवर में 24 रन ठोक दिए. ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 107वें ओवर में उन्होंने तीन छक्के और एक चौका लगाया. पानेसर ने फर्स्ट क्लास में 709, लिस्ट ए में 83 और टी20 में 27 विकेट लिए है. इस तरह तीनों को मिलाकर 819 विकेट लेने वाले बॉलर की उस दिन जमकर धुलाई थी. पानेसर ही नहीं, बल्कि पूरी इंग्लिश टीम गिलक्रिस्ट की उस बैटिंग को कभी नहीं भूल पाएगी. ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 5 विकेट पर 527 रन का स्कोर खड़ा किया. इंग्लैंड को जीत के लिए 557 रन का टारगेट मिला. इंग्लिश बल्लेबाजों ने किसी तरह 350 रन बनाए. कंगारू टीम 206 रनों से मैच को जीत गई.





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