बुंदेलखंड के जंगल में मौजूद खेर की लकड़ी तस्करों के निशाने पर है। यहां पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जिनकी मदद करने बंडा, बहरोल, विनायका, बांदरी, मालथौन आदि क्षेत्रों में कई पुष्पा पैदा हो गए हैं। यह लोग जंगलों से खेर की लकड़ी
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बंडा, बहरोल क्षेत्रों में पत्थर की खदानें हैं, यहां से पत्थर लेकर निकलने वाले ट्रकों में छिपाकर इस खेर की लकड़ी को यूपी, हरियाणा, एनसीआर आदि में चल रही कत्था फैक्ट्रियों में सप्लाई किया जाता है। खेर की तस्करी का यह कारोबार लंबे समय से चल रहा है। इस बात की जानकारी उत्तर वन मंडल के अधिकारियों को भी है, लेकिन कभी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
कार्रवाई के पहले ही तस्करों तक पहुुंच जाती है खबर
आगरा दिल्ली की ओर पत्थर के ट्रकों से खेर की लकड़ी का ताजा इनपुट दतिया रेंजर सत्येंद्र सिंह धाकड़ को मिला था। सत्येंद्र की सूचना पर छतरपुर डीएफओ सर्वेश सोनवाने ने छतरपुर में एक मुखबिर (ट्रक ड्राइवर) को पकड़ा। इस मुखबिर की सूचना पर छतरपुर डीएफआे और सागर उत्तर वन मंडल डीएफओ चंद्रशेखर सिंह ने कार्रवाई का फैसला लिया।
25 सितंबर को मुखबिर लेकर छतरपुर रेंजर बुद्ध सेन कोल, बांदरी के जंगल में पहुंचे, लेकिन बांदरी रेंजर लखन सिंह ठाकुर ने कार्रवाई में देरी की और 25 सितंबर को छापा नहीं मारा गया। छतरपुर रेंजर बुद्ध सेन का कहना है कि मुखबिर ने बहरोल के पास स्थित जाजेर पत्थर खदान के पास फार्म हाउस की शिनाख्त की, लेकिन टीमों ने रात को फार्म हाउस में प्रवेश नहीं किया।
तस्करों को दिया लकड़ी छि पाने का मौका
छतरपुर वन विभाग के अनुसार बहरोल के पास जाजेर पत्थर खदान के पास सुरेंद्र सिंह लोधी के फार्म हाउस में कई जगह लकड़ी को जमा किया गया था। उत्तर वन मंडल के अमले ने छापा में देरी की और इसी दौरान तस्करों को इस कार्रवाई की खबर दे दी गई है। कार्रवाई से बचने तस्करों ने काटी गई लकड़ी के जखीरा में से कुछ खेतों और नालों में छिपा दी तो कुछ को आग लगा दी।
इसके बाद 26 सितंबर को बांदरी-बंडा और मालथौन रेंज की टीम दिन में फार्म हाउस में घुसी। तब तक ज्यादातर लकड़ी को ठिकाने लगा दिया गया था। टीम को फार्म हाउस में मात्र 3-4 ट्राॅली खेर की लकड़ी मिली। इसमें बांदरी रेंजन लखन सिंह पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।
सुरेंद्र सिंह दमोह सांसद और पूर्व विधायक के बहनोई
फार्म हाउस मालिक सुरेंद्र सिंह लोधी दमोह सांसद राहुल सिंह लोधी और छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा के पूर्व विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी के बहनोई हैं। शायद यही कारण है कि वारंट सुरेंद्र सिंह के नाम का था, लेकिन वन विभाग ने प्रकरण सुरेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज नहीं किया है। भास्कर ने रेंजर लखन सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह मौके पर नहीं मिले थे । उनके बेटे अभिषेक उर्फ गोलू व मैनेजर साहब सिंह पिता गब्बू यादव के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
मेरे परिसर से लकड़ी नहीं पकड़ी
^वन विभाग ने गलत कार्रवाई की है, जिस जगह से लकड़ी पकड़ी है, वह हमारी जमीन नहीं है। आसपास जिला पंचायत ने बाउंड्री बनाई थी, जिसके अंदर तरफ लकड़ी होने से उसे हमारा बता दिया गया। – सुरेंद्र सिंह लोधी, फार्म हाउस मालिक