Ground Report: एक बेटे का इंदौर में इलाज,दूसरे की उज्जैन में मौत, पिता बेखबर…मूर्ति विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, सुनिए आपबीती!

Ground Report: एक बेटे का इंदौर में इलाज,दूसरे की उज्जैन में मौत, पिता बेखबर…मूर्ति विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा, सुनिए आपबीती!


Last Updated:

Ujjain Accident Ground Report: धार्मिक नगरी में उज्जैन में माता की मूर्ति विसर्जन के दौरान एक बड़े हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया. आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे हर तरफ चीख पुकार मच गई. 

शुभम मरमट / उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन में विजयदशमी पर एक ऐसी घटना हुई जिससे पूरे गांव में मातम मच गया. गुरुवार के दिन देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पुल की रेलिंग तोड़कर नदी में गिर गई. हादसे में 12 लोग पानी में डूब गए, जिनमें से 11 को स्थानीय लोगों, ग्रामीण, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने बाहर निकाला. लेकिन यह हादसा कैसे हुआ. इसके पीछे कई सवाल खड़े हो गए.

कैसे हुआ था उज्जैन का हादसा?
दरअसल पूरा मामले मे जब लोकल 18 की टीम ग्राउंड पर पहुंची तो परिवार व प्रत्यक्षदर्शी ने पूरी घटना बताते हुए कहा कि पूरे नौ दिन माता की भक्ति व आराधना करने के बाद जब हम करीब दोपहर 12 बजे पीरझलार गांव से देवीजी की प्रतिमा का विसर्जन करने ट्रैक्टर-ट्रॉली से जा रहे थे. इस दौरान चंबल नदी पहुंचे. उस समय करीब ट्रैक्टर-ट्रॉली मे 12 लोग सवार थे.विसर्जन के बाद किसी बच्चे ने ट्रैक्टर में लगी चाबी घुमा दी. ट्रैक्टर-ट्रॉली आगे बढ़ी और नदी में जा गिरी और तीन बच्चों की दुःखद मौत हो गई. पीरझालर गाँव में जिन तीन बच्चों की मौत हुई उनके घर 100 मीटर की दूरी में पास पास में ही है. घटना के बाद से गाँव में मातम पसरा हुआ है. पूरे गांव में माहौल गमगीन है.

पूरे गांव में मचा हाहाकार

पीरझालर गांव छोटा सा गांव है. जिसमें हर घर में गमी का माहौल था. और हर घर से रोने की आवाज आ रही थी. जब मृतक के परिजन जीवन सिंह परमार से बात हुई तो उन्होंने बताया पिता अर्जुन इंदौर में है और वो उनके दूसरे बेटे अंश का इलाज करवा रहे हैं. 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद वंश की मौत का उसके पिता को खबर नहीं दी गई है. उन्हें सिर्फ ये मालूम है कि उसका इलाज उज्जैन में चल रहा है और वो ठीक है.

माता की भक्ति में निकले और हो गया हादसा 
उन्होंने बताया कि गाँव मे यह माता को विराजमान करके पूजन पाठ का सिलसिला बहुत अच्छे से मनाया जाता है. लेकिन दशहरे पर जब विसर्जन था, तो सभी के साथ दोनों बेटे वंश और अंश भी माता की प्रतिमा को विसर्जित करने गए थे. दोनों भाई हसते खेलते ट्रेक्टर के आगे वाले हिस्से में बैठे थे. ट्रेकटर के गिर जाने की घटना के बाद मौके पर ही उनके बड़े बेटे वंश की मौत हो गई थी लेकिन अंश को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.अब 24 घंटे बीत जाने के बाद पिता को अपने बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है.

इकलौते बेटे को खो दिया 
जब लोकल 18 की टीम मृतक पृथ्वीराज के घर पहुंची. तो पिता दिनेश चौहान का रो रो कर बुरा हाल था. इस दौरान मृतक पृथ्वीराज के चाचा जय चौहान ने बताया कि 16 साल के छोटे बेटे को खोकर वो बिल्कुल टूट चुके हैं. पृथ्वीराज बहुत होशियार था हर साल 90 प्रतिशत से ऊपर अंक लेकर पास होता था. वो दूसरे कामों में भी आगे था. घर का इकलौता बेटा था.उसकी एक छोटी बहन है.

अब नही बनेगा गांव मे माता का उत्सव
मृतक पृथ्वीराज के चाचा जय चौहान ने बताया कि करीब 25 वर्ष से यहां घर के सामने ही माता विराजित की जाती है तो पृथ्वीराज हर साल आयोजन में भाग लेता था. हर साल मूर्ति विसर्जित करने जाता था. गुरुवार को घर से बोलकर निकला था कि जल्दी वापस आ जाऊंगा. लेकिन अब यह हादसे के बाद उन्होंने पिछले 25 वर्षो से चली आ रही परम्परा को तोड़ने का निर्णय ले लिया है. ग्रामीणों ने कहा कि अब आगे से गाँव में इस जगह पर कोई भी माता की प्रतिमा विराजित कर कुछ भी आयोजन नहीं करेंगे. पृथ्वीराज के चाचा जय चौहान ने कहा कि जिस माता जी की इतनी सेवा मेरा भतीजा करता था उसने विसर्जन में ही इतनी बड़ी घटना घट गई. इसलिए हमने निर्णय लिया की अगले साल से कोई भी माता जी का कार्यक्रम नहीं करेगा.

तीन बच्चों की होशियारी से बच गई जान 
लोकल 18 की टीम नें जब मृतक शुभम के घर पहुंची. तो मृतक शुभम के छोटे भाई तनुष चौहान नें पूरी घटना बताई और कहा कि मे और भाई मृतक शुभम, करण और अमित तीनो मूर्ति विसर्जन करने ट्रेक्टर में साथ गए थे. तीनो ट्राली में पीछे बैठे हुए थे. जैसे ही किसी ने ट्रेक्टर को चालू किया वैसे ही ट्रेक्टर आगे जाने लगा कुछ ही सेकंड में ट्रेक्टर रेलिंग तोड़कर नदी में गिर गया. हम भी ट्राले में बैठे थे.लेकिन ट्रेक्टर के नदी की और जाते ही किसी ने आवाज लगाई कूदने के लिए, मैं अमित और करण तीनों पीछे ट्राली से कूद गए जिसके कारण हमारी जान बच गई. ट्रैक्टर हमारे सामने ही नदी में समा गया.

shweta singh

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,… और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

एक बेटे का इंदौर में इलाज, दूसरे की उज्जैन में मौत, पिता बेखबर…सुनिए आपबीती!



Source link