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Rabi Farming Tips: सतना के किसान अक्टूबर में रबी प्याज की नर्सरी बुवाई की तैयारी में जुटे हैं. एक्सपर्ट मीनाक्षी वर्मा के अनुसार सही समय पर नर्सरी तैयार करने से प्याज की पैदावार और कमाई दोनों बढ़ती हैं. जानिए सही तरीका.
शिवांक द्विवेदी, सतना: सतना और आसपास के क्षेत्रों के किसान इस अक्टूबर में रबी प्याज की बुवाई के लिए तैयार हो रहे हैं. अक्टूबर का महीना न केवल नर्सरी बुवाई के लिए उपयुक्त है बल्कि इस समय की गई मेहनत दिसंबर में रोपाई और उत्पादन को बढ़ाने में भी सहायक साबित होती है. लोकल 18 से बातचीत में आरएचईओ मीनाक्षी वर्मा ने बताया कि समय पर की गई नर्सरी तैयारी से प्याज की फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों बढ़ जाती हैं.
रबी प्याज की नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले सही जगह का चयन करना बहुत जरूरी है. नर्सरी के लिए ऐसी जगह चुनें जहां पर्याप्त धूप आए, वेंटिलेशन अच्छा हो और पानी जमा न हो. नर्सरी को जमीन के लेवल पर लगाने के बजाय हल्की ऊँचाई पर तैयार करना बेहतर रहता है. मिट्टी को भुरभुरी बनाकर उसमें अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाना प्याज़ के पौधों की शुरुआती वृद्धि के लिए फायदेमंद होता है.
बीज और मिट्टी का उपचार
नर्सरी बेड का उपचार बाविस्टिन जैसे फफूंदनाशी से करना चाहिए. यह न केवल मिट्टी में मौजूद हानिकारक फफूंद को खत्म करता है बल्कि अन्य उर्वरक, कीटनाशक और फसल टॉनिक के साथ भी सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही बीज बोने से पहले सीड ट्रीटमेंट बेहद जरूरी है. इसके लिए कैप्टान या थीराम का प्रयोग करना बीज को सुरक्षित रखता है और अंकुरण दर भी बढ़ाता है.
रोपाई और देखभाल के टिप्स
नर्सरी में पौधों की दूरी का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पौधों को 20–25 सेंटीमीटर की दूरी पर और कतारों के बीच 30–35 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपना चाहिए. पौधे को जड़ों समेत गड्ढे में लगाकर मिट्टी से ढक दें और रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें. खेत में उगने वाले खरपतवारों को समय-समय पर निकालते रहें और निराई-गुड़ाई नियमित करें.
उत्पादन और आमदनी
बीज से उगाए गए प्याज को तैयार होने में लगभग 120–150 दिन लगते हैं, जबकि पौध से उगाए गए प्याज 75–90 दिनों में तैयार हो जाते हैं. एक एकड़ प्याज की खेती से किसान 2 से 5 लाख रुपये तक की आमदनी कमा सकते हैं. सही समय पर बुवाई और रोपाई करने से न केवल फसल स्वस्थ रहती है बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूती मिलती है.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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