बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) को नेशनल अससेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन (नैक) की तीसरे राउंड की मान्यता में ‘बी’ से ‘ए’ ग्रेड तो मिल गया, लेकिन रिपोर्ट ने उन कमजोरियों को भी उजागर कर दिया है, जिन पर तुरंत काम करना जरूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक बीयू के पास ग
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नैक टीम ने सिफारिश की है कि बीयू को एनईपी 2020 का पूर्ण क्रियान्वयन करना चाहिए। हर विभाग में स्मार्ट क्लासेस, बेहतर कैफेटेरिया और ट्रांसपोर्ट सुविधा होनी चाहिए। सबसे जरूरी यह है कि यूनिवर्सिटी को तुरंत स्थायी फैकल्टी की भर्ती करनी होगी, वरना ‘ए’ ग्रेड की चमक ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएगी।
बड़ी कमी… उद्योगों की जरूरत के अनुसार तैयार नहीं हो पा रहे युवा
लेकिन ये कमियां दूर करना जरूरी
- यहां कंपनियां प्लेसमेंट के लिए नहीं आतीं। छात्रों को रोजगार नहीं।
- स्किल-बेस्ड कोर्सेज और ट्रेनिंग कार्यक्रमों की कमी है। छात्र उद्योग जगत की जरूरतों के मुताबिक तैयार नहीं हो पा रहे।
- स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है। कई विभाग गेस्ट और कॉन्ट्रैक्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहे हैं।
- वित्तीय स्थिति कमजोर है। राज्य सरकार से फंडिंग नहीं।
- लाइब्रेरी पूरी तरह से ऑटोमेटेड नहीं है, रिकॉर्ड्स को नियमित अपग्रेड करने की जरूरत है।
- डिजिटाइजेशन व ऑटोमेशन को तुरंत पूरा करना जरूरी है।
सभी कमियां दूर करेंगे, नए प्रोजेक्ट पर काम करेंगे हमें ए-प्लस ग्रेड की उम्मीद थी। नैक की रिपोर्ट में जो कमियां आईं हैं, उन्हें दूर करेंगे। साथ ही जो मजबूत पक्ष हैं उन्हें और अधिक मजबूत करने के लिए कदम बढ़ाएंगे। नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर ग्रांट भी बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे। -प्रो. एसके जैन, कुलगुरु, बीयू