संघ के शताब्दी-वर्ष में मप्र के भीतर दूसरा बड़ा-चरण आज: RSS मप्र में 9000 से ज्यादा जगह हिंदू सम्मेलन करेगा, जेन-जी पर फोकस – Bhopal News

संघ के शताब्दी-वर्ष में मप्र के भीतर दूसरा बड़ा-चरण आज:  RSS मप्र में 9000 से ज्यादा जगह हिंदू सम्मेलन करेगा, जेन-जी पर फोकस – Bhopal News



सबसे बड़ा कार्यक्रम पथ संचलन, फिर डेढ़ करोड़ परिवार तक पहुंचने का लक्ष्य

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इसके अंतर्गत तीन मुख्य कार्यक्रम संघ इस वर्ष करने वाला है। इसमें पहला कार्यक्रम पथ संचलन प्रारंभ हो चुके हैं। इसके ठीक के बाद संघ मध्य प्रदेश में करीब 9000 से अधिक स्थानों पर हिंदू सम्मेलन करेगा। इसके साथ ही आरएसएस की युवा सम्मेलन, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीट के जरिए जेनरेशन जेड यानी युवाओं को बड़ी संख्या में संगठन से जोड़ने की योजना है।

फिलहाल सबसे बड़ा कार्यक्रम पथ संचलन है, जिसका दूसरा बड़ा चरण रविवार को है। मप्र में 9291 स्थानों पर संघ ने पथ संचलन का लक्ष्य रखा है। इसमें रविवार को करीब डेढ़ हजार स्थानों पर संचलन निकलेंगे। यह अभियान मप्र में इंदौर क्षेत्र से 20 सितंबर से शुरू हो चुका है और 15 अक्टूबर तक चलेगा।

इस अभियान के जरिए संघ ने मप्र में 900 से अधिक गांवों में नई शाखाएं, करीब डेढ़ करोड़ घरों तक संपर्क और 12 लाख नए गणवेशधारी स्वयंसेवकों के पथ संचलन का लक्ष्य रखा है, जबकि बीते साल करीब 11 लाख स्वयंसेवक संचलन में शामिल हुए थे।

नए को मिलाने के बाद बीते साल से संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी। खास बात यह है कि संघ इन कार्यक्रमों के माध्यम से अपना दायरा बढ़ा रहा है और पहली बार नगर व खंड के स्थान पर सिर्फ बस्ती व मंडल स्तर पर पथ संचलन निकाले जा रहे हैं, जबकि पहले कभी-कभी बस्ती व मंडल में पथ संचलन निकलते थे।

सबसे ज्यादा संचलन महाकौशल में

संघ ने राजस्व सीमा की बजाय लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर अपने विभाग, जिले, नगर और खंड की सीमाएं तय की हैं। संघ के मप्र में तीन प्रांत हैं, यानी मप्र को तीन हिस्सों में बांटा गया है। इनमें मध्यभारत प्रांत के बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन, विदि​शा, भोपाल, राजगढ़, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, ​भिंड समेत 17 जिले हैं, जिनमें 775 बस्ती और 1814 मंडल हैं।

रविवार को यहां करीब करीब 500 स्थानों पर संचलन निकलेगा। इसी प्रकार महाकौशल प्रांत के तहत जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, दमोह, सागर समेत विंध्य के सभी जिलों को मिलाकर 24 जिलों में 917 बस्ती और 2634 मंडल आते हैं। यह सबसे बड़ा प्रांत है और यहां करीब 700 स्थानों पर संचलन निकले।

ऐसे ही मालवा में इंदौर, देवास, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अलीराजपुर, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा समेत 14 जिलों में करीब 400 से 500 संचलन निकाले जाएंगे। संघ के मालवा प्रांत में 1785 बस्ती और 1366 मंडल आते हैं। यहां 20 सितंबर से पथ संचलन शुरू हो चुका है।



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