बेकरी यूनिटें बंद, हजारों महिलाएं हुईं बेरोजगार: कलेक्टर के आदेश से अनुबंध रद्द, सांसद ने भी लिखा था पत्र – Dindori News

बेकरी यूनिटें बंद, हजारों महिलाएं हुईं बेरोजगार:  कलेक्टर के आदेश से अनुबंध रद्द, सांसद ने भी लिखा था पत्र – Dindori News


डिंडोरी जिले में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई बेकरी इकाइयां बंद हो गई हैं। कलेक्टर के एक आदेश से अनुबंध समाप्त होने के कारण लगभग 105 प्रत्यक्ष और 5 हजार अप्रत्यक्ष महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं। इन इकाइयों को आंगनबाड़ी केंद्रों

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इकाइयां बंद होने से महिलाएं बिजली बिल और वाहनों की किस्तें तक नहीं चुका पा रही हैं। सांसद ने भी तत्कालीन कलेक्टर को पत्र लिखकर यूनिटें फिर से शुरू करने का आग्रह किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी अब भोपाल से जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

यह मामला वर्ष 2016-17 का है, जब महिला एवं बाल विकास वित्त निगम की सहायता से तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण विभाग ने डिंडोरी जिले के मेहदवानी सहित कई स्थानों पर फूड प्रोसेसिंग इकाइयां शुरू की थीं। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करना था।

22 दिसंबर 2020 को महिला एवं बाल विकास विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए परियोजना करंजिया, शाहपुर, बजाग, मेहदवानी में नारी महिला चेतना महासंघ और अमरपुर, समनापुर, डिंडोरी में तेजस्विनी नारी विकास संघ के साथ अनुबंध करने के आदेश जारी किए। इसके तहत, 1925 आंगनबाड़ी केंद्रों में नाश्ता आपूर्ति के लिए गौरैया, रैपुरा, सागर टोला, मूसा मुंडी, घाना घाट, शाहपुर और मेहदवानी में लगभग 7 बेकरी इकाइयां संचालित होने लगीं। इन इकाइयों से 105 प्रत्यक्ष और 5 हजार अप्रत्यक्ष महिलाओं को रोजगार मिला।

नोटिस जारी हुआ था

फरवरी माह में तत्कालीन कलेक्टर नेहा मारव्या ने संघ के अध्यक्ष और सचिव को 1 फरवरी को एक नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया था कि अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाले कोदो-कुटकी से बने बिस्किट कड़े और सूखे पाए गए, जिनमें बच्चों की रुचि नहीं थी। कलेक्टर ने 15 दिनों के भीतर गुणवत्ता सुधारने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि एक महीने बाद अधिकारी फिर से निरीक्षण करेंगे। इसी के बाद अनुबंध रद्द कर दिया गया। और गुणवत्ता में सुधार नहीं होने पर अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा।लिहाजा अप्रैल 2025 को कलेक्टर ने अनुबंध समाप्त कर दिया।हालांकि इस दौरान कई बार महा संघ की सदस्यों ने बच्चों को दी जाने वाली रेसिपी कलेक्टर को दिखाई थी।

बेकरी यूनिट

अभी स्व सहायता समूह की महिलाएं भेज रही नाश्ता महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने जानकारी में बताया कि महा संघ से अनुबंध समाप्त होने पर साझा चूल्हा संचालित करने वाले स्व सहायता समूह को आंगनबाड़ी केंद्र में नाश्ते की जिम्मेदारी दी गई है।लेकिन वो भी बच्चों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान से मिलने वाले राशन से खिचड़ी और भोजन उपलब्ध करवा रही है ।स्व सहायता समूह की महिलाएं भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं दे पा रहे है।

सांसद ने तत्कालीन कलेक्टर को लिखा था पत्र मंडला डिंडोरी संसदीय क्षेत्र के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने 1 मई 2025 को तत्कालीन कलेक्टर को पत्र लिख कर बंद इकाइयों को शुरू करने के लिए लिखा था। सांसद ने लिखा कि यूनिट बंद होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महिलाए रोजगार से वंचित हो रही है।

महा संघ ने बताई अपनी आप बीती घानघाट में तेजस्विनी नारी महिला विकास संघ की अध्यक्ष रजनी मंदे ने बताया कि 6 महीने से यूनिट बंद पड़ी है।काम के चलते एक पिकप वाहन खरीदा था उसकी किश्त तक नहीं चुका पा रहे है।कच्चा माल भी खराब हो गया।चार महीने का बिजली बिल 29 हजार आ गया है।अब संघ की महिलाएं भी अपने खेती और मजदूरी करने जाने लगी है।जरनेटर,ओ वन मशीन,पैकिंग मशीन,मिक्सर मशीन , आटा पीसने वाली मशीन बिस्किट कटर में जंग लग रही है।वही मेहदवानी महिला चेतना महा संघ की अध्यक्ष रेखा पंद्राम ने बताया कि काम बंद होने के बाद महिलाएं अब दूसरे जिले और राज्यों में मजदूरी करने भी जा रही है। हमारी यूनिट में कोदो कुटकी से चावल तैयार किया जा रहा है 23 महिलाएं संचालित करती थीं।लेकिन आर्डर कम मिलने की वजह से काम नहीं मिल पा रहा है। विधायक का आरोप महिलाओं से रोजगार छीना शहपुरा से भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की सरकार ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बना रही है।वही तत्कालीन कलेक्टर ने प्राइवेट लोगों को लाभ दिलाने के उद्देश्य से दुकानों से बिस्किट सप्लाई करवा रही थी।महिलाओं को कर्जदार बनाया गया।अब उनका ट्रांसफर हो गया है।कलेक्टर से बात कर बंद यूनिट फिर से शुरू कराई जाएगी ताकि महिलाओं को रोजगार मिल सके। अधिकारी बोले भोपाल से रिपोर्ट आने का इंतज़ार महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्याम सिंगोंर ने बताया कि अभी जुलाई महीने में ही भोपाल स्तर से अधिकारियों की टीम ने लगभग 20 आंगनबाड़ी केंद्रों में सैंपलिंग की है।वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही आगे तय होगा।इसकी जानकारी कलेक्टर को दे दी गई है।



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