कोर्ट में फर्जी कार मालिक पेश करने की तैयारी: बर्खास्त SI रामवीर कुशवाह पर फर्जी तरीके से कार खरीदने काआरोप; गुरुवार को कोर्ट में पेशी – Guna News

कोर्ट में फर्जी कार मालिक पेश करने की तैयारी:  बर्खास्त SI रामवीर कुशवाह पर फर्जी तरीके से कार खरीदने काआरोप; गुरुवार को कोर्ट में पेशी – Guna News



इसी कार को फर्जी दस्तावेजों से खरीदने पर FIR दर्ज की गई थी।

आत्माराम पारदी मामले में फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किए गए बर्खास्त SI रामवीर कुशवाह की तीन दिन की रिमांड गुरुवार को पूरी होगी। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। सूत्रों का दावा है कि जिस कार को फर्जी दस्तावेजों से खरीदने का आरोप है, उस कार क

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बता दें कि वर्ष 2015 में हुई आत्माराम पारदी की हत्या के मामले में बर्खास्त SI रामवीर कुशवाह पिछले दो वर्षों से फरार चल रहा था। 26 सितंबर को इस मामले में ग्वालियर हाई कोर्ट से उसे अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह गुना आ गया था। हालांकि, गुना में उस पर फ्रॉड, आत्माराम पारदी मामले के गवाहों को धमकाने सहित अन्य मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी।

गुरुवार तक मिली थी रिमांड आरोपी के गुना में होने की सूचना पुलिस को लगातार मिल रही थी। रविवार को कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर रामवीर कुशवाह को उसके घर से ही पकड़ लिया था। उसे आत्माराम पारदी मामले में इस्तेमाल की गई कार को फर्जी तरीके, फर्जी दस्तावेज लगाकर खरीदने के मामले में कोतवाली थाने में दर्ज FIR में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था। गुरुवार को उसका रिमांड खत्म हो रहा है और पुलिस उसे कोर्ट में पेश करेगी।

फर्जी गाड़ी मालिक पेश करने की तैयारी

फर्जी दस्तावेजों से खरीदी गई कार के मामले में आरोपी रामवीर की गिरफ्तारी के बाद सूत्रों का दावा है कि कल कोर्ट में मिलते जुलते नाम के एक व्यक्ति फर्जी ढंग से कार मालिक बनाकर कोर्ट में पेश किया जा सकता है।

पहले जान लीजिए क्या है पूरा मामला आत्माराम मर्डर केस की जांच के दौरान सीआईडी को कार क्रमांक एमपी 08 सीए 0022 के आरटीओ रजिस्ट्रेशन में लिखे पते पर संजय पुत्र बहादुर सिंह कुशवाह नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला था। हालांकि वर्तमान में बमौरी में तैनात कार्यवाहक एएसआई दिलीप कुशवाह के भाई का नाम भी संजय होने से सीआईडी ने एएसआई दिलीप से भी पूछताछ की थी। उन्होंने अपने पिता का नाम बहादुर न होकर लालबहादुर होना बताया था और उनके भाई संजय के पास कोई कार न होने की बात कही थी।

संजय के लड़के सत्यम ने भी सीआईडी को अपने दादा का नाम लालबहादुर बताते हुए पिता संजय के पास कोई वाहन न होना बताया था। सीआईडी को पूरी जांच में संजय पुत्र बहादुर नामक व्यक्ति का नाम पुलिस लाइन की वोटर लिस्ट में नहीं मिला था। रजिस्ट्रेशन में लिखे पते पर भी इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला था। वाहन रजिस्ट्रेशन की फाइल में संजय पुत्र बहादुर सिंह कुशवाह का कोई वैध पहचान पत्र भी नहीं मिला था। वाहन रजिस्ट्रेशन में दर्ज मोबाइल नंबर भी आरोपी रामवीर के भांजे हेमंत सिंह का निकला था।

सीआईडी जांच में खुलासा हुआ था कि इंदौर के रेनॉल्ट कार शोरूम से आरोपी रामवीर के भांजे हेमंत सिंह सोलंकी ने 11 लाख रुपए नगद रकम शोरूम पर देकर कार खरीदी थी उसे नगद रुपए रामवीर ने भेजे थे। रामवीर के बताए अनुसार कार का बिल संजय पुत्र बहादुर सिंह कुशवाह के नाम पर बनवाकर उसमें अपना मोबाइल नंबर डलवा दिया था। कार का उपयोग आरोपी रामवीर करता था। रामवीर के घर से ही सीआईडी ने कार बरामद की थी। इसी कार से आत्माराम के शव को घटनास्थल से लाया गया था। इन सारे तथ्यों का उल्लेख सीआईडी की विस्तृत जांच और सिटी कोतवाली में दर्ज एफआईआर में है।



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