बल्ले से शानदार, गेंद से धारधार… टेस्ट में हार्दिक जैसे खूंखार ऑलराउंडर को टिकाने की तैयारी, कोच ने किया इशारा

बल्ले से शानदार, गेंद से धारधार… टेस्ट में हार्दिक जैसे खूंखार ऑलराउंडर को टिकाने की तैयारी, कोच ने किया इशारा


IND vs WI: शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम इंडिया वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरा और आखिरी टेस्ट 10 अक्टूबर से खेलने उतरेगी. ये मुकाबला दिल्ली में खेला जाएगा. भारतीय टीम मैनेजमेंट हार्दिक पांड्या जैसा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर टेस्ट क्रिकेट में फिक्स करने की तैयारी में जुटा हुआ है. टीम के सहायक कोच ने भारतीय टीम को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने समझाया कि युवा नितीश कुमार रेड्डी को एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर के रूप में विकसित करने पर फोकस है. नितीश को पिछले मैच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था. 

बल्ले और गेंद से शानदार हैं नितीश

नितीश कुमार रेड्डी बल्ले से टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में रीढ़ साबित हो सकते हैं. वहीं, गेंद से भी नितीश ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है.  पहले टेस्ट में नितीश रेड्डी को गेंदबाजी में विकेट हासिल नहीं हुआ जबकि बल्लेबाजी में मौका ही नहीं मिला और भारतीय टीम जीत गई. सहायक कोच टेन डोशेट ने बताया कि उन्हें और मौके मिलेंगे, फिर उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आएगी.

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क्या बोले डोशेट?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेन डोशेट ने कहा, ‘मैं कहूँगा कि हम संयोजन में बदलाव की संभावना नहीं रखते. जब हम दौरे पर जाते हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि हमारे पास वह स्थिति हो. पिछले हफ़्ते हमें नितीश पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया गया था, इसलिए मुझे लगता है कि नितीश को एक और मौका देने और टीम के संतुलन को बिगाड़े बिना यह एक अच्छा मौका है. हमें लगता है कि वह एक शानदार सीम बॉलिंग ऑलराउंडर हैं.’

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बैटिंग की कर दी तारीफ

उन्होंने आगे कहा, ‘एक ऑल सीम गेंदबाज़ मुझे लगता है कि उसने जो देखा है उसकी सबसे बड़ी सीमा उसका शरीर हो सकता है. वह इस देश में पहला ऑलराउंडर नहीं है जिसे हमने देखा है, वह दिल से एकदम सही है. वह उसी तरह के चरित्र के खिलाड़ी हैं जिनके कौशल पर हमें बिल्कुल भी संदेह नहीं है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए उनके शरीर का टिकना एक अलग बात है. नीतीश, मुझे लगता है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में सबको दिखा दिया है कि एक बल्लेबाज़ के तौर पर वह कितने अच्छे हैं. उनके लिए चुनौती यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें विदेशी सीरीज के बीच खेलने का समय मिले. जैसा कि मैंने पहले सवाल का जवाब दिया था, मुझे लगता है कि इस तरह की सीरीज़ में जहाँ आप संयोजनों पर गौर करते हैं.’



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