प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप के कारण बड़े पैमाने पर बच्चों की किडनी फेल होने और मौत के बाद मंदसौर जिले में स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। जिले के सीमावर्ती इलाकों और मुख्य शहर में दवाओं की जांच-छानबीन और सैंपलिंग जारी है।
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जिलेभर के मेडिकल स्टोर्स पर जांच
जांच दल ने अरिहंत फार्मा, तारा जेनरिक्स, महावीर मेडिकल, शगुन मेडिकल, वेल बेबी मेडिकल एंड नर्सिंग होम, पराग मेडिकल एजेंसी सहित कई दवा स्टोर्स का निरीक्षण किया। वहां सर्दी-खांसी की दवाओं के सैंपल लिए गए।
जिले में कुल 975 मेडिकल स्टोर्स
बता दें कि, मंदसौर जिले में कुल 975 मेडिकल स्टोर्स हैं, जिनमें से 450 स्टोर्स केवल नगर क्षेत्र में हैं। विभाग की टीमें इन सभी स्टोर्स पर संदिग्ध सिरप की तलाश में लगी हैं।
चिकित्सकों और स्टोर संचालकों को चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी है कि अगर वे डॉक्टरों की पर्ची के बिना दवाएं बेचते पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विभाग ने तीन विशेष रसायनों पर अलर्ट जारी किया है, जिन्हें अब डॉक्टर भी प्रिस्क्राइब नहीं कर रहे हैं।
भोपाल भेजेंगे सैंपल
ड्रग इंस्पेक्टर पूजा भामर ने बताया कि लिए गए सभी सैंपल भोपाल स्थित राज्य लैब भेजे जाएंगे, जिनकी रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर आने की संभावना है।
सीमावर्ती इलाकों में विशेष जांच
राजस्थान सीमा से लगे क्षेत्रों में भी जांच तंत्रीय सरगर्मी बढ़ाई गई है। प्रतापगढ़ के पास स्थित मेडिकल स्टोर्स सहित अन्य स्थानों पर ड्रग इंस्पेक्टरों, सीएमएचओ और फार्मासिस्टों की टीमों ने स्टॉक, बिक्री रजिस्टर और दवाओं की जांच की।
अब तक जिला स्तर पर लगभग 20 सैंपल लिए गए हैं। इंस्पेक्टर पूजा भामर ने स्पष्ट किया कि छिंदवाड़ा से सप्लाई की पुष्टि अभी नहीं हुई है और जिले में इस संबंध में कोई निर्माता स्टॉकिस्ट नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि जांच और सैंपलिंग क्रियाएं जारी रहेंगी।

एडवाइजरी जारी, डॉक्टरों को निर्देश
सीएमएचओ गोविंद सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेशभर में सभी डॉक्टरों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है और स्टोर संचालकों की मीटिंग भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अभी तक उस विशेष सिरप बैच का स्टॉक जिले में नहीं मिला, पर सुरक्षा की दृष्टि से बॉर्डर क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है।