नई दिल्ली/भोपाल10 मिनट पहलेलेखक: राजेश चंचल
- कॉपी लिंक
2024 की तरह इस साल भी कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी, जिससे दीपावली की सही तिथि को लेकर संशय बना हुआ था। लेकिन वरिष्ठ ज्योतिषाचार्यों ने स्पष्ट किया है कि दीपावली 20 अक्टूबर सोमवार को ही मनाई जाएगी।
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भी दिवाली इसी दिन मनाई जाएगी। 20 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष और निशीथ काल में होने के कारण इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना गया है।
21 अक्टूबर को अमावस्या सूर्यास्त से पहले समाप्त हो जाएगी, इसलिए इस दिन दीपावली मनाने का कोई औचित्य नहीं है।
पहले जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ योग
- 20 अक्टूबर, अमावस्या तिथि :दोपहर 3:44 बजे से 21 को शाम 5:43 तक
- दीपावली पर हस्त नक्षत्र, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी रहेगा खास।
वो सबकुछ, जो आपके लिए जानना जरूरी है?
- इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को ही क्यों मनाई जाना चाहिए? दीपावली पर लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि की रात, प्रदोष और निशीथ काल में होता है। इस बार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:43 बजे तक रहेगी। 20 को ही अमावस्या तिथि प्रदोष और रात्रिकाल में रहेगी। इसलिए इसी दिन दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत है।
- प्रदोष व निशीथ काल क्या है? सूर्यास्त से लगभग 1.5-2 घंटे पहले और बाद का शुभ समय प्रदोष काल कहलाता है। वहीं, निशीथ काल आधी रात का समय होता है, लगभग रात 12 बजे से 1:30 बजे तक। लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष और शुभ माना जाता है।
- 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि रहते हुए भी दीपावली क्यों नहीं मनाई जाएगी? क्योंकि 21 अक्टूबर को अमावस्या सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी और शाम तक प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। 21 तारीख को अमावस्या ना तो प्रदोषकाल में रहेगी, ना रात्रि में। दीपावली पूजन अमावस्या की रात को ही होता है, इसलिए 21 को नहीं मनाई जाएगी।
25 साल में 11 बार अक्टूबर में दिवाली…
ज्योतिषियों के अनुसार पिछले 25 सालों में यह तीसरी बार होगा, जब सोमवार को दीपावली मनाई जाएगी। इसके अलावा, पिछले 25 साल में अक्टूबर में 11 बार दीपावली मनी, जबकि इतने सालों में नवंबर में 13 बार दीपावली मनाई जा चुकी है।
भास्कर एक्सपर्ट– पं. भंवरलाल शर्मा, पूनम श्रीवास्तव (भोपाल), प्रो. विनय कुमार, बनारस हिंदू विवि, आचार्य कमलेश शास्त्री (बनारस), पं. विजय दीक्षित, अर्चना सरमंडल (उज्जैन)