Last Updated:
Balaghat News: आयुष विंग की वंदना राजपूत ने लोकल 18 से कहा कि रोजाना 80 से 90 मरीज अस्पताल आ रहे हैं. आयुर्वेद पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. इसकी वजह यह है कि आयुर्वेदिक दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है.
बालाघाट. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जहरीले केमिकल वाली दवाई कोल्ड्रिफ कफ सीरप से बच्चों की जान चली गई. इसमें बच्चों को वायरल इंफेक्शन, पेशाब दिक्कत के लक्षण दिखे. धीरे-धीरे पता चला कि बच्चों की किडनी फेल हो गई. कोल्ड्रिफ में 48.6 प्रतिशत डायएथेनॉल ग्लायकॉल नाम का जहरीला केमिकल मिलाया गया. फिलहाल दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह के कफ सीरप को न पिलाने की सलाह दी गई है. ऐसे में अब लोगों का भरोसा फिर से आयुर्वेद की तरफ बढ़ रहा है.
डॉक्टरों में भी डर का माहौल
इस मामले में लोकल 18 ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दूबे से बातचीत की. उन्होंने कहा कि अब एडवाइजरी के मुताबिक पीपीएम-सीपीएम बच्चों को नहीं दे रहे हैं. अब लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है. वहीं नोबिलाइजेशन से बच्चों के कफ को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. यानी कि अब डॉक्टरों में भी डर का माहौल है.
दवा की क्वालिटी चेक करना सरकार का काम
डॉक्टर दूबे का कहना है कि कोई भी डॉक्टर एक दवाई पर निर्भर होता है. ऐसे में वह पर्टिकुलर दवा पर भरोसा करता है और उसे लिखता है. अगर उसमें कुछ गड़बड़ है, तो इसे देखने का काम सिस्टम का है. जब सिस्टम ही लापरवाही करता है, तब ही अमानक दवाइयां बाजार में आती हैं.
आयुर्वेद पर बढ़ रहा लोगों का भरोसा
जिला चिकित्सालय के आयुर्वेद शाखा में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. लोगों का आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों पर भरोसा बढ़ रहा है. लोकल 18 ने आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक उपचार रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए होता है. ऐसे में उनका इस्तेमाल कर बच्चों को हफ्ते भर में आराम मिल सकता है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेदिक चूर्ण से आराम मिला था. सर्दी-खांसी में लेंडी पिपरी, अदरक सहित कई चीजों के चूर्ण से इसका इलाज किया जा सकता है. सितोपलादि चूर्ण और त्रिकूदी चूर्ण देकर इलाज किया जा रहा है. ये दवाइयां उन बच्चों को दी जाती हैं, जो अनाज ग्रहण करना शुरू कर चुके हैं.
लगातार बढ़ रही डिमांड
आयुष विंग की वंदना राजपूत ने लोकल 18 को बताया कि हर दिन 80 से 90 मरीज आ रहे हैं. लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. इसका कारण यह है कि आयुर्वेदिक दवा का साइड इफेक्ट नहीं होता है. ऐसे में लगातार इसकी मांग बढ़ रही है, जिससे स्टॉक भी पहले से ज्यादा मंगाना पड़ रहा है.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.