मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार शाम हरदा जिला मुख्यालय पर कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की
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स्थानीय घंटाघर चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से भीमराव अंबेडकर चौक तक मौन कैंडल मार्च निकालकर शोक संवेदना व्यक्त की गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने आरोप लगाया कि जिस तरह फर्टिलाइजर कंपनियां अंधाधुंध कमाई कर रही हैं, उसी तरह दवा कंपनियां भी कर रही हैं, जो आम लोगों और बच्चों के जीवन के लिए खतरनाक है। उन्होंने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
विश्नोई ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बावजूद अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और न ही दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई हुई है। उन्होंने तत्काल उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्री राजेंद्र शुक्ला, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव संदीप यादव, ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य और डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोस्टा के इस्तीफे की मांग की।
उन्होंने सवाल उठाया कि इतने गंभीर हादसे के बाद भी सरकार चुप क्यों है और दोषियों को क्यों बचाया जा रहा है? रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है? विश्नोई ने मासूमों की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों और कफ सिरप निर्माताओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा नहीं लेती है, तो कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी पूछा कि जो दवाएं अन्य राज्यों में प्रतिबंधित हैं, वे किसकी अनुमति से मध्य प्रदेश के दवा बाजार में बिक रही थीं।
