राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH-44) पर चालकों को बंधक बनाकर लूटपाट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मेवाती गिरोह के सदस्य चालकों के हाथ-पैर बांधकर उन्हें सड़क किनारे छोड़ देते हैं और कंटेनर में भरा माल लेकर फरार हो जाते हैं। पिछले 4 सालों में इस गिरोह ने 30 करो
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हाल ही में, सागर के गौरझामर थाना क्षेत्र में मेवाती गिरोह के चार सदस्यों ने एक चलते कंटेनर के ड्राइवर को बंदूक की नोक पर बंधक बनाया और कंटेनर में भरे 56 लाख रुपए कीमत के मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान लेकर फरार हो गए।
गिरोह इतना शातिर है कि वह मोबाइल लोकेशन और जीपीएस को भी चकमा देने में माहिर है। वारदात के बाद पुलिस हरियाणा के मेवात, पलवल और नूह में आरोपियों की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। पुलिस ने वारदात में शामिल दूसरे कंटेनर को चेन्नई के पास बरामद किया था, लेकिन उसमें न तो लूटा गया सामान मिला है और न ही आरोपी।
अब पढ़िए मेवाती गैंग की वारदात की कहानी…
मेवाती गैंग ट्रक को रोककर चलते ट्रक में लूट करते हैं।
बंदूक की नोक पर ड्राइवर को बंधक बनाकर कंटेनर लूटा
17 सितंबर की रात को सागर के गौरझामर थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर सिलारपुर के पास एक कंटेनर को लूट लिया गया। यह कंटेनर गुड़गांव से पार्सल लेकर नागपुर जा रहा था। कंटेनर ड्राइवर दीपचंद पिता अवध पटेल, निवासी ग्राम धुनीमा भोकसील, बिहार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। दीपचंद ने बताया कि 16 सितंबर को सुबह करीब 4 बजे, वह डीईडी 5 अमेजॉन ईएसआर शोहना लॉजिस्टिक पार्क ग्राम राखेड़ा गुड़गांव से कंपनी का कंटेनर क्रमांक एचआर 55 एपी 0049 में अमेजन कंपनी का माल लेकर नागपुर, महाराष्ट्र के लिए निकला था। कंटेनर में सामने की तरफ और ड्राइवर को कवर करने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था, साथ ही जीपीएस भी लगा है, जिसका एक्सेस एसके ट्रांसपोर्ट गुड़गांव के पास है।
17 सितंबर को, जब वह राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ग्राम सिलारपुर, थाना गौरझामर, जिला सागर में रात करीब 2 बजे पहुंचा, तो उसकी गाड़ी के आगे चल रहे कंटेनर क्रमांक एचआर 55 एके 9488 ने बीच सड़क पर अचानक ब्रेक लगाया, जिससे उसे गाड़ी रोकनी पड़ी। गाड़ी रुकने के कुछ ही देर बाद, आगे की गाड़ी से चार लोग आए और उसकी गाड़ी में चढ़ गए। उन्होंने उसके हाथ-पैर बांध दिए, उसे गाड़ी के बॉक्स में बंद कर दिया और बंदूक दिखाकर डराया। लुटेरों ने कंटेनर में भरा माल दूसरे कंटेनर में शिफ्ट किया और फरार हो गए। यह पूरी वारदात कंटेनर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।

चलते हुए ट्रक में मेवाती गैंग ट्रक में चढ़ते हैं और ड्राइवर का गला दबाने लगाते हैं।
कटर मशीन से कैबिन के अंदर से चद्दर काटा
आरोपियों ने रास्ते में करीब दो जगह गाड़ी रोकी। ग्राइंडिंग कटर मशीन से गाड़ी के अंदर का चद्दर काट दिया और गाड़ी में रखे पार्सल दूसरी गाड़ी में शिफ्ट कर दिए। 17 सितंबर की सुबह करीब 5 बजे ड्राइवर को एक स्थान पर गाड़ी समेत बंधी हालत में छोड़ दिया गया। ड्राइवर ने जैसे-तैसे करके हाथ-पैर खोलकर बाहर निकला और लोगों से पूछा तो पता चला कि वह मुंगवानी में है। मामले की शिकायत नरसिंहपुर जिले के मुंगवानी पुलिस थाने में की गई। पुलिस ने जीरो पर मामला दर्ज कर सागर जिले की गौरझामर थाना पुलिस को केस डायरी भेजी।
609 पार्सल में से 56 पार्सल लेकर भागे
गौरझामर पुलिस ने मामला दर्ज कर कंटेनर से लूटे गए माल की जानकारी निकाली, जिसमें सामने आया कि कंटेनर में अमेजन कंपनी के 609 पार्सल लोड थे। आरोपी 56 पार्सल लेकर गए। इन पार्सलों में करीब 180 मोबाइल, टैबलेट और अन्य महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान थे, जिनकी कीमत करीब 56 लाख रुपए है। वारदात सामने आते ही पुलिस ने कंटेनर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि वारदात के पीछे हरियाणा की मेवाती गैंग का हाथ है। इसी आधार पर पुलिस हरियाणा के मेवात, पलवल, नूह क्षेत्रों में आरोपियों की तलाश कर रही है। लेकिन यहां की पुलिस को हरियाणा में स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिलता, जिस कारण आरोपी लोकेशन मिलने के बाद भी भाग निकलते हैं।

ड्राइवर के नहीं मानने पर मेवाती गैंग कट्टा लगाते हुए ट्रक को रोकने का कहते हैं।
वाती गैंग ऐसे करती है वारदात
मेवाती गैंग का लूटपाट करने का तरीका काफी संगठित है। गिरोह के सदस्य मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में घूमते रहते हैं, जहां वे अपने टारगेट का चयन करते हैं और फिर वारदात की साजिश रचते हैं। साजिश के तहत, गिरोह का एक सदस्य वारदात स्थल या संस्थान में प्रवेश करता है और कीमती सामान की जानकारी हासिल करता है, जिससे उन्हें लूटपाट करने में मदद मिलती है। कंटेनर लूट मामले में भी पुलिस को संदेह है कि गिरोह का कोई सदस्य पार्सल कंपनी में शामिल है।
अगस्त 2024 में हुई 12 करोड़ रुपए के आईफोन डकैती में भी मेवाती गैंग ने इसी तरह का तरीका अपनाया था, जहां आरोपी मो. वारिस सुरक्षा एजेंसी में गार्ड के रूप में भर्ती हुआ और फिर अपने साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया। यह गिरोह आधुनिक हथियारों से लैस होता है और उनका नेटवर्क चोर बाजारों से लेकर ई-कॉमर्स साइटों तक फैला हुआ है, जहाँ वे लूटे गए माल को बेचते हैं। वे सामान को टुकड़ों में बेचते हैं ताकि पकड़े न जा सकें।
इन 5 पॉइंटों से समझे NH पर क्यों होती है वारदात
- नेशनल हाईवे-44, 11 राज्यों से गुजरने वाला देश का सबसे लंबा राजमार्ग है। अपराधियों को वारदात के बाद भागने में आसानी होती है, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है। वे अपनी योजना के अनुसार सुरक्षित मार्गों का चयन कर सकते हैं।
- हाईवे पर रात में गश्त कम होती है और भारी ट्रैफिक के कारण हर वाहन पर नजर रखना मुश्किल होता है। अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। दिन-रात वाहनों की आवाजाही से संदिग्ध गतिविधियों को पहचानना मुश्किल हो जाता है, जिससे अपराधियों को अवसर मिलता है।
- हाईवे से जुड़े ग्रामीण रास्ते अपराधियों को भागने के लिए अतिरिक्त रास्ते मिल जाते हैं। क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी भी कम होती है। कई कंटेनरों में केवल एक ड्राइवर होता है, जिससे अपराधियों के लिए उन्हें निशाना बनाना आसान हो जाता है।
- ज्यादातर वारदातें दो जिलों के बीच होती हैं, जिससे पुलिस को क्षेत्राधिकार तय करने में समय लगता है। इस देरी का फायदा उठाकर अपराधी भाग जाते हैं और लूटे गए सामान को ठिकाने लगा देते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
- अपराधी कंटेनर को काटने के लिए कटर का इस्तेमाल करते हैं, ताकि लॉक तोड़ने से बचा जा सके। गैंग चलते कंटेनर से या सुनसान जगह पर माल को दूसरे वाहन में शिफ्ट कर देते हैं। जीपीएस से बचने के लिए, वे कंटेनर को कहीं और छोड़ देते हैं ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।

मेवाती र्गेग द्वारा इन कंटेनर में रखे सामान को चोरी करते हैं।
हाईवे पर मोबाइल लूट की ये है पांचवीं वारदात सागर जिले से निकले 144 किमी लंबे नेशनल हाईवे-44 पर कंटेनर से मोबाइल लूट की वारदातें पहले भी होती रही हैं। हाल ही में सितंबर माह में पांचवीं वारदात हुई है। पिछले चार साल में जिले की सीमा में लुटेरे 30 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक सामान लूट चुके हैं। वारदातों में बाहरी गिरोह के शामिल होना सामने आया। क्योंकि यहां से चोरी किए गए मोबाइल पुलिस ने नागालैंड से भी बरामद किए थे। कुछ मोबाइल देश के बाहर वर्मा में भी बेचे गए थे।
एक नजर- हाईवे लूट के मामले
- अगस्त 2022 में, गौरझामर थाना क्षेत्र में 12 करोड़ रुपए के मोबाइल लूट का मामला सामने आया था। बदमाशों ने आंध्र प्रदेश से गुड़गांव जा रहे मोबाइल से भरे कंटेनर को रोका, ड्राइवर को बंधक बनाया और दूसरे वाहन में मोबाइल लेकर फरार हो गए। बाद में, पुलिस ने इंदौर में लूटे गए मोबाइल से भरा कंटेनर पकड़ा।
- तीन साल पहले, सिविल लाइन थाना पुलिस ने हाईवे पर बम्होरी तिगड्डा के पास कंटेनर से महंगे मोबाइलों की लूट का मामला दर्ज किया। पुलिस ने नागालैंड से चोरी के लगभग 90-95 मोबाइल बरामद किए और सिक्किम से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। कुछ मोबाइल लुटेरों ने वर्मा में बेचे थे, जिनकी जब्ती नहीं हो सकी।
- तीन साल पहले, सुरखी थाना क्षेत्र में कंटेनर चालक ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर मोबाइल से भरे कंटेनर में लूट की। उसने झूठी कहानी गढ़ी, लेकिन पुलिस ने जांच करते हुए सच्चाई का पता लगाया और आरोपियों को गिरफ्तार किया। चोरी हुए मोबाइलों की कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए थी। इस मामले में पुलिस ने मेवात निवासी कंटेनर चालक को भी पकड़ा था।
- 14-15 अगस्त 2024 की रात, सागर में लखनादौन-झांसी हाईवे पर कंटेनर से 12 करोड़ रुपए के 1600 आईफोन लूटे गए। आरोपियों ने ड्राइवर को बंधक बनाया। बांदरी थाना पुलिस ने कंटेनर ड्राइवर की शिकायत पर सुरक्षा गार्ड और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने 350 से अधिक मोबाइल जब्त किए और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
