भारतीय खेल की दुनिया में विराट कोहली की तूती बोलती है. फिर बात चाहे खेल की हो या फिर कमाई की. विराट कोहली भारत के सबसे अमीर एथलीट्स में से एक माने जाते हैं. लेकिन अगर हम पूरी दुनिया के सबसे अमीर एथलीट्स की लिस्ट खोलें तो फेमस फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम देखने को मिलता है. रोनाल्डो की कुल संपत्ति इतनी ज्यादा है कि वह 12 देशों को बिठाकर खिला सकते हैं.
40 की उम्र में खड़ा किया हजारों करोड़ का
रोनाल्डो अभी महज 40 साल के हैं और उन्होंने अमीरी के मामले में नया इतिहास कायम किया है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की एक रिपोर्ट सामने आई जिसमें रोनाल्डो की कुल संपत्ति बताई गई. उन्होंने 1.4 बिलियन डॉलर का साम्राज्य खड़ा कर दिया है. रुपये में इसका गणित लगाएं तो यह 12, 352 करोड़ है. दुनिया में ऐसे 12 देश हैं जिनकी GDP भी इतनी नहीं है, जितनी रोनाल्डो की संपत्ति है.
कैसे बढ़ा अमीरी का ग्राफ?
रोनाल्डो की अमीरी का ग्राफ इतना ज्यादा कैसे बढ़ गया ये सवाल हर किसी के जहन में होगा. दरअसल जून में सऊदी अरब की टीम अल नासर के साथ कथित तौर पर 400 मिलियन डॉलर के नए कॉन्ट्रैक्ट पर रोनाल्डो ने सिग्नेचर किए थे, जिसके बाद यह उनकी संपत्ति में बढ़त देखने को मिली है. 2002 से 2023 तक रोनाल्डो की कमाई का हिसाब भी रिपोर्ट में बताया गया है, इस बीच उन्होंने 550 मिलियन डॉलर से भी अधिक की कमाई की है.
ब्रांड एंडोर्समेंट से करोड़ों की कमाई
रोनाल्डो की कमाई का मेन सोर्स ब्रांड एंडोर्समेंट भी है. फेमस ब्रांड नाइकी के साथ उनका कॉन्ट्रैक्ट एक दशक से भी लंबा चला है जो साल में 18 मिलियन डॉलर की डील है. इसके अलावा अरमानी, कैस्ट्रॉल और कई कंपनियों उनकी ब्रांड वैल्यू का इस्तेमाल करने के करोड़ों खर्च करती हैं, जिससे उनकी संपत्ति में 175 मिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है. सालभर में उनकी कमाई 237.52 मिलियन डॉलर है.
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12 देशों को बिठाकर खिला सकते हैं रोनाल्डो
रोनाल्डो की तुलना कुछ देशों की GDP से करें तो वह 12 देशों को बिठाकर खिला सकते हैं. उनकी संपत्ति तुवालु ($79 मिलियन), नाउरू ($169 मिलियन), मार्शल आइलैंड्स ($290 मिलियन), किरिबाती ($292 मिलियन), पलाऊ ($353 मिलियन), टोंगा ($570 मिलियन), डोमिनिका ($700 मिलियन), साओ टोमे एंड प्रिंसिपे ($720 मिलियन), सेंट विंसेंट ($1.05 बिलियन), माइक्रोनेशिया ($1.15 बिलियन), वानुआतु ($1.3 बिलियन), और सेंट लूसिया ($1.35 बिलियन) से भी ज्यादा है. ये छोटे द्वीप राष्ट्र, मुख्य रूप से प्रशांत महासागर और कैरिबियन में, पर्यटन, मछली पालन और विदेशी सहायता पर निर्भर हैं. उदाहरण के लिए, तुवालु की पूरी अर्थव्यवस्था .tv डोमेन और सहायता पर टिकी है.