Last Updated:
Sagar News: सागर में एक ऐसा पेड़ पाया जाता है जिसकी डिमांड यूपी, हरियाणा और दिल्ली में बहुत है. इतना ही नहीं इसके बिना तो पान का स्वाद भी अधूरा है.
अनुज गौतम, सागर: बुंदेलखंड का सागर ऐसा जिला है जो विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं, नर्मदा के कछार, उत्तुंग शैलमाला और मालवा के पठार पर फैला हुआ है, पर्यावरण की दृष्टि से यह इलाका काफी ही अनुकूल माना जाता है, यही वजह है कि यहां पर 120 प्रजाति से अधिक के वृक्ष पाए जाते हैं जिनमें कई पेड़ काफी बेसकीमती भी हैं जिनको सागर से दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश तक ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है. इस लकड़ी की महत्वता को ऐसे भी समझ सकते हैं किया है उत्तर प्रदेश के बड़े माफिया गिरोह के निशाने पर भी है.
सागर के जंगल कभी चंदन के पेड़ों की खुशबू से महकते थे और आज उंगलियों पर उनकी गिनती की जा सकती है. ऐसे ही खैर के पेड़ भी यहां पर बहुतायत मात्रा में पाई जाती थी लेकिन अब यह खैर सागर के जंगलों से निकलकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तक ट्रांसपोर्ट की जा रही है, क्योंकि इस पेड़ की लकड़ी से कत्था बनाया जाता है और इस कत्था का इस्तेमाल अलग-अलग पान मसाला कंपनी अपने गुटखों में कर रही है. जो उन्हें सुपारी और अन्य दूसरी चीजों की अपेक्षा सस्ता पड़ रहा है, साथ ही इसकी लाइफ क्वालिटी भी अधिक होती है, यह अपने औषधीय गुणों के रूप में भी अलग पहचान रखती है.
सागर में उत्तर वन मंडल के डीएफओ चंद्रशेखर सिंह बताते हैं कि लंबे समय से हम लोगों को सूचना मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश का एक गैंग सागर में सक्रिय है जो यहां की लकड़ी को उत्तर प्रदेश हरियाणा तक भेज रहा है जिस पर हमने कार्रवाई की है. वहीं अगर इस लकड़ी की बात करें तो अभी भी यह है हमारे जंगलों में पाई जाती है यह विलुप्त प्राय होने की श्रेणी में तो नहीं है. हम लोगों के द्वारा जो नर्सरी लगाई जाती है उनमें भी इस देश की मिट्टी पौधे को बनाने बीज डाले जाते हैं. किसानों को भी इसके पौधे अपने खेतों में लगाने के लिए जागरूक समय-समय पर किया जाता है
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,… और पढ़ें