बालाघाट में बाघ की संदिग्ध मौत और उसके शव को प्रोटोकॉल के खिलाफ जलाए जाने के हाई-प्रोफाइल मामले में शनिवा को कार्रवाई हुई है। पिछले दो महीने से फरार चल रहे डिप्टी रेंजर टिकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
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हालांकि, मामले की जांच कर रही स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) अभी तक इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 2 अगस्त को सोनेवानी अभ्यारण्य क्षेत्र में सामने आई थी, जब एक बाघ मृत पाया गया था और उसके शव को नियमों का पालन किए बिना जल्दबाजी में जला दिया गया था। घटना के बाद वन विभाग ने 6 सुरक्षा श्रमिकों को गिरफ्तार किया था।
बर्खास्तगी की कार्रवाई
दक्षिण सामान्य वनमंडल के वनमंडलाधिकारी अधर गुप्ता ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा के नियमों के तहत डिप्टी रेंजर टिकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को सेवा से पृथक करने का आदेश जारी कर दिया है।
बालाघाट में बाघ की संदिग्ध मौत और उसके शव जला दिया गया था।
एसटीएसएफ की कार्रवाई पर सवाल
वन अपराधों के गंभीर मामलों को सुलझाने वाली एसटीएसएफ ने दो महीने बाद भी इन दोनों प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इससे इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। न्यायालय ने भी फरार वनकर्मियों के खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया है।
अन्य आरोपियों पर कार्रवाई
इस मामले में न्यायिक हिरासत में बंद 6 सुरक्षा श्रमिकों की संलिप्तता की जांच पूरी कर एसटीएसएफ ने वारासिवनी न्यायालय में परिवाद पेश कर दिया है।
इनाम घोषित और अपील की गई
एसटीएसएफ ने फरार डिप्टी रेंजर टिकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे की गिरफ्तारी पर 5-5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। लोगों से अपील की गई है कि आरोपियों से संबंधित कोई भी जानकारी मोबाइल नंबर 7067898223 और 9399185452 पर शेयर करें।