कोल्ड्रिफ के एवज में डॉक्टर को मिलता था 10% कमीशन: डॉ.प्रवीण सोनी ने बयानों में कहा- दवा जांचने की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोलर की, कोर्ट ने जमानत नामंजूर की – Bhopal News

कोल्ड्रिफ के एवज में डॉक्टर को मिलता था 10% कमीशन:  डॉ.प्रवीण सोनी ने बयानों में कहा- दवा जांचने की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोलर की, कोर्ट ने जमानत नामंजूर की – Bhopal News


छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल इलाके के बीमार मासूमों को जहरीला कोल्ड्रिफ कफ सिरप प्रिस्क्राइब करने वाले परासिया सीएचसी के डॉक्टर प्रवीण सोनी ने ये स्वीकार किया है कि उन्हें यह सिरप प्रिस्क्राइब करने के एवज में मात्र 10% कमीशन ही मिलता था। ये बात आरोपी ड

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पुलिस ने डॉ सोनी के जो बयान दर्ज किए उनके मुताबिक 89 रुपए में बिकने वाली एक कफ सिरप की बॉटल पर डॉक्टर सोनी को 8 रुपए प्रति बॉटल कमीशन मिलता था।

डॉक्टर ने ड्रग कंट्रोलर पर ठीकरा फोड़ा डॉक्टर प्रवीण सोनी के वकील ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि डॉ सोनी को झूठा फंसाया गया है। सरकारी डॉक्टर होकर उन्होंने मात्र इलाज के दौरान बच्चों को यह दवाई प्रिस्क्राइब की है। डॉ सोनी के खिलाफ धारा 105 के उपबंध लागू नहीं होते। इस दवाई की विशेष खेप में कंपनी द्वारा अमानक पदार्थ मिलाया गया है। जिसकी जानकारी डॉ प्रवीण सोनी को नहीं रही है।

डॉ प्रवीण सोनी के वकील ने तर्क दिया कि वे करीब 35-40 सालों से मेडिकल प्रेक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने जानबूझकर प्रिस्क्रिप्शन नहीं लिखा। इस दवाई की जांच की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोलर विभाग की थी। बिना किसी आधार के डॉ सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

ये है मामला बीते सितंबर के महीने में छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अचानक किडनी फेल होने से मौतें होने लगीं। सभी बच्चों को सर्दी–खांसी या बुखार की शिकायत पर सीएचसी परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी ने इलाज किया था। जांच में पाया गया कि बच्चों को दी गई कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीला रासायनिक पदार्थ डाई-ईथीलीन ग्लाइकोल (48.6%) मिला हुआ था, जिससे एक्यूट किडनी फेल्योर हुआ और बच्चों की जान चली गई।

सरकारी वकील ने जमानत पर किया ऐतराज सरकारी वकील ने डॉक्टर प्रवीण सोनी के जमानती आवेदन पर ऐतराज जताते हुए तर्क दिया कि डॉ. सोनी को यह जानकारी थी कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) वाली दवाएं 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए, फिर भी उन्होंने यह दवा जारी रखी। इसके अलावा, डॉक्टर ने कंपनी से 10% कमीशन लेने की बात अपने मेमोरेंडम बयान में स्वीकार की है। सिरप के स्टॉकिस्ट उनके परिवार के सदस्य बताए गए हैं। सरकारी वकील के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को जमानत देने से इनकार कर दिया।

दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने कहा ….

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घटना की जानकारी होने के बाद भी डॉक्टर ने संबंधित दवा का उपयोग जारी रखा। स्वास्थ्य महानिदेशालय की 18 दिसंबर 2023 की गाइडलाइन के बावजूद 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों को एफडीसी सिरप देना गंभीर लापरवाही है। अदालत ने माना कि अपराध गंभीर प्रकृति का है, जांच अभी अधूरी है, और अभियुक्त साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।

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