नई दिल्ली. सितंबर 2025 में भारत के पैसेंजर व्हीकल मार्केट ने जबरदस्त सेल देखी, जिसमें मजबूत फेस्टिव डिमांड और जीएसटी 2.0 के रोलआउट ने बड़ी भूमिका निभाई. टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई और महिंद्रा ने सेल्स चार्ट में दबदबा बनाए रखा, जिसमें कॉम्पैक्ट एसयूवी और सेडान आगे रहे.
नेक्सॉन और डिजायर
सामने आए नए डेटा के मुताबिक, टाटा नेक्सॉन सितंबर 2025 की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार के रूप में उभरी, जिसने 22,573 यूनिट्स दर्ज कीं और कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ को फिर से साबित किया. इसके ठीक पीछे मारुति सुजुकी डिजायर रही, जिसने 20,038 यूनिट्स के साथ एसयूवी ट्रेंड को चुनौती दी और भारतीय खरीदारों के बीच कॉम्पैक्ट सेडान की पॉपुलैरिटी का लोहा मनवाया.
हुंडई क्रेटा
तीसरे नंबर पर, हुंडई क्रेटा ने मिडसाइज एसयूवी सेगमेंट में 18,861 यूनिट्स के साथ अपना दबदबा बनाए रखा, जबकि महिंद्रा स्कॉर्पियो ने 18,372 यूनिट्स दर्ज कीं, जो शहरी और ग्रामीण बाजारों में इस मजबूत एसयूवी की लोकप्रियता का प्रमाण है.
टाटा पंच
टाटा की दूसरी एंट्री, पंच, ने 15,891 यूनिट्स हासिल कीं, जिससे यह भारत की सबसे अधिक मांग वाली एंट्री-लेवल एसयूवी में से एक बनी रही. इस बीच, मारुति सुजुकी ने स्विफ्ट (15,547 यूनिट्स), वैगनआर (15,388 यूनिट्स), फ्रॉन्क्स (13,767 यूनिट्स), बलेनो (13,173 यूनिट्स) और एर्टिगा (12,115 यूनिट्स) सहित शीर्ष 10 में कई मॉडलों के साथ अपनी समग्र पकड़ को मजबूत किया.
सितंबर 2025 की टॉप-10 कारें
- टाटा नेक्सॉन – 22,573
- मारुति सुजुकी डिजायर – 20,038
- हुंडई क्रेटा – 18,861
- महिंद्रा स्कॉर्पियो – 18,372
- टाटा पंच – 15,891
- मारुति सुजुकी स्विफ्ट – 15,547
- मारुति सुजुकी वैगनआर – 15,388
- मारुति सुजुकी फ्रॉन्क्स – 13,767
- मारुति सुजुकी बलेनो – 13,173
- मारुति सुजुकी एर्टिगा – 12,115
टॉप 10 में 6 कारें मारुति की
कुल मिलाकर, मारुति सुजुकी ने टॉप 10 में से 6 पोजीशंस पर कब्जा कर लिया, जिससे इसके मास-मार्केट सेगमेंट पर मजबूत पकड़ का पता चलता है. नेक्सॉन और पंच के साथ टाटा की प्रभावशाली उपस्थिति एसयूवी बाजार में ब्रांड की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, जबकि महिंद्रा और हुंडई ने क्रमशः स्कॉर्पियो और क्रेटा की लगातार मांग के साथ अपनी स्थिति बनाए रखी है. डिजायर और वैगनआर जैसे मॉडलों की निरंतर सफलता यह दिखाती है कि भारतीय ऑटोमोटिव मार्केट में किफायती और प्रैक्टिकैलिटी अभी भी प्रमुख बाइंग फैक्टर हैं.
FADA के आंकड़े
FADA के मुताबिक, टोटल व्हीकल रिटेल बिक्री में साल-दर-साल 5.22% की ग्रोथ हुई, जिसमें दोपहिया वाहन, पैसेंजर व्हीकल, कमर्शियल व्हीकल और ट्रैक्टर सहित सभी प्रमुख सेगमेंट में पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की गई. पैंसेंजर व्हीकल सेगमेंट में 34.8% की ग्रोथ देखी गई, जिसमें ग्राहक कम जीएसटी रेट्स और फेस्टिव सीजन के ऑफर्स के बीच हाई ट्रिम्स और प्रीमियम मॉडलों को सिलेक्ट कर रहे थे.