Ajinkya Rahane Cheteshwar Pujara: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और उसकी सीनियर मेंस सेलेक्शन कमेटी फैंस के निशाने पर है. रोहित शर्मा को अचानक वनडे की कप्तानी से हटाए जाने के बाद से लगातार दोनों की आलोचना हो रही है. सेलेक्शन कमेटी के प्रमुख अजीत अगरकर पर ज्यादा गुस्सा उतरा है. भारतीय टेस्ट टीम के अहम सदस्य रहे अजिंक्य रहाणे का इंटरनेशनल करियर लगभग समाप्त हो चुका है. हालांकि, उन्होंने दिग्गज चेतेश्वर पुजारा की तरह संन्यास नहीं लिया है.
रहाणे ने बीसीसीआई के नियम पर उठाए सवाल
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में टेस्ट सीरीज में जीत दिला चुके रहाणे का मानना है कि चयन पैनल को आधुनिक खेल की स्थिति से अवगत होना चाहिए. उनमें ऐसे खिलाड़ी शामिल होने चाहिए जो क्रिकेट से बहुत पहले संन्यास न ले चुके हों. वर्तमान में बीसीसीआई के नियम के अनुसार, संभावित चयनकर्ताओं को चयनकर्ता की भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए कम से कम 5 साल तक संन्यास के बाद इंतजार करना पड़ता है, लेकिन रहाणे का मानना है कि इस संख्या को कम किया जाना चाहिए.
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‘चयनकर्ताओं से डरना नहीं’
चेतेश्वर पुजारा के यूट्यूब चैनल पर एक गेस्ट के रूप में बोलते हुए रहाणे ने कहा, ”खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं से डरना नहीं चाहिए. मैं चयनकर्ताओं के बारे में बात करना चाहता हूं, खासकर घरेलू क्रिकेट में. हमारे पास ऐसे चयनकर्ता होने चाहिए जो हाल ही में टॉप-फ्लाइट क्रिकेट खेलने से रिटायर हुए हों, जिन्होंने पांच-छह साल, सात-आठ साल पहले संन्यास लिया हो.”
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चयनकर्ताओं में क्या होना चाहिए खास?
रहाणे ने आगे बताया, ”जिस तरह से क्रिकेट विकसित हो रहा है, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि चयनकर्ताओं की मानसिकता और सोच उस बदलाव के साथ तालमेल बिठाए. खेल विकसित हो रहा है. हम इस आधार पर निर्णय नहीं लेना चाहते कि 20−30 साल पहले क्रिकेट कैसे खेला जाता था. टी20 और आईपीएल जैसे प्रारूपों के साथ आधुनिक क्रिकेट खिलाड़ियों की शैली को समझना महत्वपूर्ण है.”