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Satna Mustard Farming News: सतना में सरसों की खेती को लेकर किसानों में उत्साह, मौसम के अनुसार सही बुवाई, उर्वरक और सिंचाई से इस साल रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद.
शिवांक द्विवेदी, सतना: जिले में इस बार रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों में उत्साह का माहौल है. मौसम का मिजाज इस बार सरसों की खेती के लिए बेहद अनुकूल माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान समय पर बुवाई और उचित देखरेख करें तो इस साल सरसों की पैदावार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती है. कृषि विभाग भी इस दिशा में सक्रिय है और किसानों को समय-समय पर तकनीकी सलाह दी जा रही है.
लोकल 18 से बातचीत में सहायक संचालक कृषि राम सिंह बागरी ने बताया कि सरसों की बुवाई का आदर्श समय 15 अक्टूबर से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक माना जाता है. अगर किसान इस अवधि में बुवाई करते हैं तो फसल स्वस्थ और मजबूत होती है. देर से बुवाई करने पर माहो कीट का प्रकोप बढ़ने की आशंका रहती है जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों की बुवाई के लिए 45 सेंटीमीटर की लाइन दूरी सबसे उपयुक्त होती है क्यूंकि इससे पौधे को पर्याप्त जगह और पोषक तत्व मिलते हैं.
उर्वरक और सिंचाई पर खास ध्यान जरूरी
उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को सल्फर युक्त उर्वरक जैसे एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) या 20:20:0:13 का उपयोग करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही बुवाई के एक महीने बाद पहली सिंचाई करना और यूरिया का छिड़काव करना भी आवश्यक बताया गया है. इससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और फसल मजबूत बनती है.
रोग नियंत्रण और फसल प्रबंधन
कृषि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अधिक नमी वाले मौसम में सरसों की फसल में फंगल रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए किसानों को नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करते रहना चाहिए. किसी भी प्रकार की बीमारी या कीट के लक्षण दिखते ही तुरंत उपचार करना जरूरी है. इससे फसल को समय रहते बचाया जा सकता है और उत्पादन पर असर नहीं पड़ता.
कटाई के सही समय से बढ़ेगा लाभ
विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि जब 70% फलियों में दाना भर जाए और पौधों में पीला रंग दिखने लगे तभी फसल की कटाई करें. इससे फसल झड़ने से होने वाले नुकसान से बचाव होता है. अगर किसान समय पर बुवाई, सही उर्वरक, दूरी और रोग नियंत्रण पर ध्यान देंगे तो इस सीजन में सरसों की पैदावार शानदार हो सकती है.
सतना जिले के कृषि विशेषज्ञों को इस साल सरसों की फसल से बेहतर परिणामों की उम्मीद है. मौसम के अनुकूल रहने और किसानों द्वारा वैज्ञानिक पद्धतियों के अपनाने पर यह सीजन किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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