टीम की हार के लिए प्रतिका रावल अकेले गुनहगार नहीं, कौन फैला रहा है भ्रम

टीम की हार के लिए प्रतिका रावल अकेले गुनहगार नहीं, कौन फैला रहा है भ्रम


Last Updated:

क्रिकेट फैंस का एक बड़ा धड़ा शेफाली के लिए प्रतिका को ट्रोल कर रहा है. अब रिकॉर्ड्स पर नजर डाले तो  , शैफाली का वनडे करियर स्ट्राइक रेट 83 का है और वह प्रतीका से कहीं ज़्यादा समय से खेल रही हैं उनका औसत 23 का है, और उन्होंने इस प्रारूप में अपनी पिछली आठ पारियों में सिर्फ़ 113 रन बनाए हैं. दूसरी ओर, प्रतीका का औसत 49 का है और स्ट्राइक रेट 82 का

वर्ल्ड कप 2025 में सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद प्रतिका रावल को किया जा रहा है टॉर्गेट
नई दिल्ली. जो लोग शेफाली वर्मा की तारीफ़ करते हुए प्रतीक रावल को ट्रोल कर रहे हैं, उनमें से ज़्यादातर को अंदाज़ा भी नहीं होगा कि वह कौन हैं या टीम से बाहर होने से पहले उन्होंने कितना खराब प्रदर्शन किया था टीम और प्रशंसकों को दो बड़े मैचों से पहले प्रतीक का साथ देना होगा. किसी आसान लक्ष्य पर हमला करना आसान होता है. प्रतीक रावल ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं. इस युवा खिलाड़ी की काफ़ी ट्रोलिंग देखने को मिली है, जो भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का सोचने वाला पहलू है.

प्रतीक को मौका देकर किसी ने उन पर कोई एहसान नहीं किया उन्होंने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है हाँ, वह शीर्ष क्रम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं और उनका स्ट्राइक-रेट बेहतर हो सकता है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सुधार की गुंजाइश है पर यह कहने के बाद, यह कहना कि वह अयोग्य है और शेफाली वर्मा ने चीजों को मौलिक रूप से बदल दिया होगा, पूरी तरह से बकवास है.

प्रतिका VS शेफाली 

क्रिकेट फैंस का एक बड़ा धड़ा शेफाली के लिए प्रतिका को ट्रोल कर रहा है. अब रिकॉर्ड्स पर नजर डाले तो  , शैफाली का वनडे करियर स्ट्राइक रेट 83 का है और वह प्रतीका से कहीं ज़्यादा समय से खेल रही हैं उनका औसत 23 का है, और उन्होंने इस प्रारूप में अपनी पिछली आठ पारियों में सिर्फ़ 113 रन बनाए हैं. दूसरी ओर, प्रतीका का औसत 49 का है और स्ट्राइक रेट 82 का. बहस यहीं खत्म होती है हम सब मानते हैं कि शैफाली ने अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं किया है. इस वर्ल्ड कप में प्रतिका रावल 4 मैच में 45 की औसत और 23 चौकों की मदद से 180 रन बना चुकी है. 

हरमनप्रीत जेमिमा पर कोई सवाल नहीं 

इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के ओपनर्स का प्रदर्शन ही बेहतर रहा है वहीं बाकी के बल्लेबाज लगातार फेल होते रहे हैं फिर भी दोष सिर्फ उस बल्लेबाज के सिर मढ़ा जा रहा है जो टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बना चुका है. सवाल ये हा कि टीम के बाकी बल्लेबाज क्या कर रही है. हरलीन को नंबर 3 पर खिलाया जा रहा है जो हर बार अच्छे स्टार्ट को बेकार कर रही है. कुछ ऐसा ही हाल कप्तान हरमनप्रीत, दीप्ति और जेमिमा जैसी सीनियर बल्लेबाजों का है. साफ है पूरी टीम की बल्लेबाजी प्रतिका के अलावा फेल रही है पर सोशल मीडिया पर कहानी कुछ और तरीके से रखी जा रही है.

मैनेजमेंट का रोल 

अमोल मजूमदार या हरमनप्रीत कौर को ऐसे समय में क्या करना चाहिए ताकि फॉर्म में चल रही प्रतिका आहत न हों सोशल मीडिया की बात करें तो, शैफाली की तारीफ़ करने वाले 90 प्रतिशत लोग तो यह भी नहीं जानते कि वह कौन है, या पिछले एक साल में उसके स्कोर क्या रहे हैं. भारत को अगले हफ़्ते अपने अब तक के दो सबसे अहम मैच खेलने हैं. हमें हर खिलाड़ी को एकाग्र और एकमत होना होगा प्रतीका टीम की अहम बल्लेबाज हैं अब समय आ गया है कि देश उनका पूरा समर्थन करें.

homecricket

टीम की हार के लिए प्रतिका रावल अकेले गुनहगार नहीं, कौन फैला रहा है भ्रम



Source link