शहडोल के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के सोहागपुर एरिया में एक निजी कंपनी के कामकाजी स्थल पर मिट्टी धंसने से डूबे डोजर मशीन ऑपरेटर अनिल कुशवाहा की तलाश पांच दिन बाद बंद कर दी गई है। प्रशासन ने परिवार की सहमति से उन्हें मृत मान लिया है।
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यह हादसा 11 अक्टूबर को शाम 5 बजे हुआ। दरअसल, आरकेटीसी कंपनी द्वारा फिलिंग के दौरान मिट्टी अचानक फिसल गई। इससे डोजर मशीन और एक हाईवा गहरे पानी में डूब गए। अनिल कुशवाहा रीवा के मऊगंज के निवासी थे।
एनडीआरएफ के 94 जवानों ने की कोशिश
जिला प्रशासन ने अनिल कुशवाहा की तलाश के लिए वाराणसी से राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) और जबलपुर से सेना की मदद मांगी थी। एनडीआरएफ के 94 जवानों ने प्रयास किए और 84 फीट की गहराई में हाईवा का पता लगाया, लेकिन उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। सेना ने भी वाहन और ऑपरेटर को पानी से निकालने में असमर्थता जताई।
परिवार की सहमति के बाद बंद हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने बताया कि परिवार की सहमति के बाद अनिल कुशवाहा को मृत मान लिया गया है। पुलिस और पंचनामा रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने एसईसीएल या आरकेटीसी द्वारा लगभग 45 लाख रुपए के मुआवजे की राशि तय की है।
यह इस तरह का पहला हादसा नहीं है। 2014 में भी धनपुरी ओसीएम में मिट्टी भरने के दौरान एक कर्मचारी गहरे पानी में डूब गया था, जिसे निकालने के प्रयास में एक क्रेन और एक गोताखोर भी डूब गए थे। 15 दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद उन्हें नहीं खोजा जा सका था।
इस बार भी सोहागपुर एरिया प्रबंधन ने पिछली घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया, जिससे सुरक्षा प्रबंधनों में गंभीर खामी उजागर होती है। आरकेटीसी कंपनी द्वारा काम के दौरान आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गईं।
