हरदा नगर पालिका ने बारिश के बाद शहर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया है। करीब 13 हजार पौधे लगाए गए हैं, लेकिन अब इस अभियान की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। कई जगहों पर सूखे पेड़ की डालियां लगाई गई हैं और पौधों की सुरक्षा के लिए लगाई गई प्लास्टिक जालिय
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शहर के कई इलाकों में पौधे या तो सूख गए हैं या उनकी जगह सिर्फ डालियां नजर आ रही हैं। जालियां टूट जाने से बची हुई पौधों पर भी जानवरों का खतरा बढ़ गया है। इससे लोगों में नाराजगी है और नगर पालिका पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
पौधा रोपण में लाखों रुपए खर्च जानकारी के अनुसार, नगर पालिका ने इस पौधारोपण पर लाखों रुपए खर्च किए हैं। 10 हजार पौधे 79 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से (कुल करीब 7 लाख 90 हजार रुपए) और 3 हजार पौधे ट्री गार्ड के साथ 350 रुपए प्रति पौधा (कुल करीब 1 लाख 50 हजार रुपए) की लागत से लगाए गए।
इसके बावजूद कई जगहों पर सूखे पौधे मिले हैं और कुछ स्थानों पर वहां भी पौधे लगाए गए हैं, जहां पहले से ही पेड़ मौजूद थे। वहीं, शहर के कई क्षेत्रों में हरियाली की जरूरत होने के बावजूद वहां पौधारोपण नहीं किया गया।
इस मामले में नगर पालिका सीएमओ कमलेश पाटीदार ने कहा कि संबंधित ठेकेदार को सूखे पौधों को बदलने और टूटी जालियों को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नगर पालिका का उद्देश्य शहर में अधिक से अधिक हरियाली बढ़ाना है।