बृहस्पति ग्रह आज शाम 7:23 बजे मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेंगे। यह परिभ्रमण 40 दिनों तक, यानी 5 दिसंबर की दोपहर तक रहेगा। इस दौरान सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों पर विभिन्न प्रभाव दिखाई देंगे।
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ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बृहस्पति का अतिचार सामान्यतः अनुकूल नहीं माना जाता, लेकिन कर्क राशि में इसका गोचर एक अनुकूल स्थिति मानी जाती है। भारतीय ज्योतिष के गणित सिद्धांत में इसका विशेष महत्व है।
बृहस्पति का कर्क राशि में होना शुभ संकेत
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि ग्रह गोचर के अनुसार, राहु और गुरु का खडाष्टक संबंध बनेगा। कर्क राशि का बृहस्पति और कुंभ राशि का राहु एक विशेष स्थिति उत्पन्न कर रहा है, जिसके कारण कहीं-कहीं वैचारिक संघर्ष की स्थिति देखने को मिलेगी।
उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर से 5 दिसंबर के मध्य पूर्वोत्तर राज्यों और राष्ट्रों में राजनीति व सामाजिक स्थिति में अस्थिरता का प्रभाव दिख सकता है। जब भी किसी शुभ ग्रह का अतिचार होता है या वह समय से पहले राशि परिवर्तन करता है, तो उसके प्रभाव अलग प्रकार के होते हैं। बृहस्पति का कर्क राशि में होना इसकी उच्च स्थिति मानी जाती है।
यह 40 दिवसीय कालखंड लोगों की मानसिकता पर वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता के संयोजन को बढ़ावा देगा, जिससे संबंधित विषयों को स्पष्ट करने की क्षमता बढ़ेगी।
इस गोचर का विभिन्न राशियों का प्रभाव
1. मेष: भूमि तथा वाहन की प्राप्ति का योग।
2. वृषभ: प्रतिष्ठा में वृद्धि, भाई-बहनों का सहयोग।
3. मिथुन: बाहरी यात्रा या विदेशी कंपनी का प्रस्ताव।
4. कर्क: उत्साह में वृद्धि व कार्य की योजना।
5. सिंह: निवेश का प्लान बनेगा, सोच-समझकर आगे बढ़ें।
6. कन्या: आकस्मिक लाभ के योग।
7. तुला: पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग।
8. वृश्चिक: मित्रों के माध्यम से सहायता।
9. धनु: आय-व्यय के साथ निजी संपत्ति में वृद्धि।
10. मकर: बड़े कार्य के होने की संभावना।
11. कुंभ: विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता।
12. मीन: पारिवारिक मांगलिक कार्य का आयोजन होगा।