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Animal Husbandry Tips: अपने गाय-भैंस को खिला दें ये तीन प्रकार की घास और बढ़ाएं दूध उत्पादन. इन तीन घासों से पशुओं का पोषण बेहतर होता है. उनका स्वास्थ्य मजबूत रहता है. दूध देने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलेगा. लंबे समय तक दूध का स्थिर उत्पादन होगा. पशु चिकित्सक से जानें सब…
Animal Husbandry: ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आज किसानों के लिए आमदनी का सबसे बड़ा जरिया बनता जा रहा है. लेकिन, कई बार गाय या भैंसों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलने के कारण उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है. इस समस्या का समाधान अब प्राकृतिक तरीके से भी संभव है. पशु चिकित्सक बृहस्पति भारती ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि सही घास और पोषण देने से दुधारू पशु लंबे समय तक अधिक दूध दे सकते हैं जिससे किसानों का मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा.
किसान अपने पशुओं को बरसीम घास खिला सकते हैं. इसमें कैल्शियम और फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जो पशुओं की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है. इसके नियमित सेवन से गाय और भैंसों का दूध उत्पादन बढ़ता है और यह लंबे समय तक स्थिर रहता है. ग्रामीण क्षेत्रों में कई पशुपालक इसे अपनाकर अपनी आय में सुधार कर रहे हैं.
जिरका घास: आसान बुवाई और बेहतर पोषण
दुधारू पशुओं के लिए जिरका घास भी एक बेहतरीन विकल्प है. इसकी बुवाई आसान है और इसमें आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा पर्याप्त होती है. कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर इस घास के सेवन से गाय और भैंसों में दूध देने की क्षमता बढ़ती है. किसानों का कहना है कि जिरका घास से पशुओं की सेहत अच्छी रहती है और दूध उत्पादन लगातार अधिक रहता है.
नेपियर घास: स्वास्थ्य और मुनाफा दोनों का राज
नेपियर घास को दुधारू पशुओं के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इसे खाने से पशुओं का स्वास्थ्य मजबूत होता है और उनका दूध उत्पादन भी बढ़ता है. स्वस्थ पशु लंबे समय तक अधिक दूध देते हैं जिससे किसान को अच्छा मुनाफा होता है. यह घास विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो अपने दूध व्यवसाय को स्थायी और लाभकारी बनाना चाहते हैं.
पशुओं को दवा से बचाना चाहिए
पशु चिकित्सक बृहस्पति भारती का कहना है कि प्राकृतिक तरीके अपनाकर ही दुधारू पशुओं का पोषण किया जाना चाहिए. इससे न केवल उनका स्वास्थ्य सही रहता है, बल्कि मुनाफा भी स्थायी और सुरक्षित तरीके से बढ़ता है. किसानों को अवैध दवाओं और हॉर्मोन्स से बचना चाहिए, क्योंकि यह पशुओं के लिए हानिकारक है और लंबे समय में नुकसानदेह साबित हो सकता है.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें